उफ्फ! यहां जाम लगना ही लगना है… वो 40 जगह जहां फंस जाती है दिल्ली, लिस्ट देख लीजिए
नई दिल्ली : दिल्ली की सड़कों पर अक्सर ट्रैफिक जाम देखने को मिलता है। राजधानी में ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने एक सर्वेक्षण किया है। ट्रैफिक पुलिस ने इसमें 117 प्रमुख प्वाइंट की पहचान की है जहां हैवी ट्रैफिक , निर्माण गतिविधियों या अतिक्रमण के कारण भारी भीड़ है। ऐसे चोक पॉइंट की सबसे अधिक नॉर्दन रेंज में हैं। यहां 27 सड़कों पर ट्रैफिक काफी स्लो हो जाता है। स्पेशल पुलिस कमिश्नर (ट्रैफिक) एसएस यादव के नेतृत्व में एक टीम ने सड़क इंजीनियरिंग की जमीनी सीमाओं और अन्य पहलुओं को समझने के लिए सर्वेक्षण किया। इन्हें इन हिस्सों में भीड़ कम करने की कोशिश करते समय ध्यान में रखा जाना चाहिए। यादव ने कहा कि ट्रैफिक फ्लो को बढ़ाने और शहर की सड़कों से गुजरने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह जानकारी काम आएगी।
सबसे अधिक कहां लगता है जाम
सबसे अधिक कहां लगता है जाम
चिह्नित किए गए 117 भीड़भाड़ वाले प्वाइंट्स में सबसे अधिक नॉर्दन रेंज के तीन जिलों में हैं। ये जिले रोहिणी, उत्तर-पश्चिम और बाहरी-उत्तर जिले हैं। ऐसे 27 स्थानों में से 13 रोहिणी में हैं। दो प्वाइंट रोहिणी पश्चिम मेट्रो स्टेशन और रिठाला मेट्रो स्टेशन पर हैं। तीसरा एक स्कूल के पास है। इन हिस्सों पर भीड़ का कारण भारी वाहनों की आवाजाही, पैदल यात्रियों की आवाजाही और वाहनों की तरफ से अवैध पार्किंग थी। दो बिंदुओं, बेगमपुर चौक और कंझावला चौक पर, निर्माण गतिविधि ट्रैफिक के फ्लो में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
साउथ दिल्ली में कहां-कहां लगता है जाम
साउथ दिल्ली में कहां-कहां लगता है जाम
सदर्न रेंज में, 22 चोक साइट हैं। इनमें 12 दक्षिणी दिल्ली में और 10 दक्षिणपूर्वी जिले में हैं। यूसुफ सराय मार्केट, अंधेरिया मोड़, चिराग दिल्ली फ्लाईओवर, सावित्री फ्लाईओवर, तारा अपार्टमेंट-अलकनंदा रोड जैसे इलाकों में लगातार जाम लग रहा है। साकेत मेट्रो स्टेशन के पास कई इलाकों में निर्माण कार्य के कारण जाम लगता है। इसी तरह, सराय काले खां, एमबी रोड, पुल प्रह्लादपुर ट्रैफिक लाइट से लाल कुआं चौराहा और खादर पुलिया तक भी निर्माण कार्य के कारण भीड़भाड़ रहती है।
जाम से निपटने का प्लान क्या है?
जाम से निपटने का प्लान क्या है?
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कहा कि वे महत्वपूर्ण स्थानों पर कर्मचारियों को तैनात करके और प्रौद्योगिकी का उपयोग करके भीड़ को कम करने का प्रयास कर रहे हैं। इसके साथ ही ‘वन वे’ मार्गों की शुरुआत और नगर निकायों के साथ संयुक्त रूप से अतिक्रमण अभियान शुरू करना अन्य उपाय हैं। इसके अलावा अवरोधों या जाम की पहचान करने के लिए मानचित्र सेवाओं के उपयोग और ग्राउंड स्टाफ के जरिये उनके त्वरित प्रबंधन से ट्रैफिक को नियंत्रित करने में मदद मिली है।
क्या-क्या कर रही ट्रैफिक पुलिस?
क्या-क्या कर रही ट्रैफिक पुलिस?
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कटों को बंद करने या खोलने, सेंट्रल वर्ज का निर्माण, सेंट्रल वर्ज पर लोहे की ग्रिल लगाने, सड़क चिह्नों की पेंटिंग, साइनेज लगाने, बस स्टॉप की शिफ्टिंग, बिजली जैसे सड़क इंजीनियरिंग मुद्दों के संबंध में विभिन्न एजेंसियों को भी लिखा है। इसके साथ ही खंभे, स्पीड स्लो करने वाले उपकरण और सबवे और पुल जैसी पैदल सड़क क्रॉसिंग सुविधाओं का निर्माण भी किया जाएगा।
कैसे बदलेगी स्थिति?
कैसे बदलेगी स्थिति?
स्पेशल पुलिस कमिश्नर (ट्रैफिक) एसएस यादव ने कहा कि शहर में महत्वपूर्ण ट्रैफिक भीड़ भूमि उपयोग पैटर्न, मोटराइजेशन में तेजी से वृद्धि और कुछ अन्य कारकों के कारण है। उन्होंने कहा कि दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने ट्रैफिक जाम के सोर्स का पता लगाने के लिए सर्वेक्षण किया। ट्रैफिक अधिकारियों ने यह भी उम्मीद जताई कि इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) के शामिल होने से जमीनी स्तर पर गंभीर स्थिति बदल जाएगी। इसके क्रियान्वयन की प्रक्रिया चल रही है।