Delhi अपराध: किडनैपिंग से SHO तक फर्जी दिल्ली में साइबर लूट से बचें
किडनैपिंग से SHO तक फर्जी दिल्ली में साइबर लूट से बचें
लड़की की किडनैपिंग में भांजे के बंद होने की कॉल मिलने पर मामा घबरा गईं। कभी-कभी सब इंस्पेक्टर, एसएचओ और मेडिकल कराने वाले डॉक्टर को डराने के लिए साढ़े चार लाख रुपये ऐंठ लिए गए। बाद में भांजे को फोन किया गया, तो पता चला कि वह सुबह से ही घर पर था। पीड़ित ने साइबर पोर्टल पर शिकायत की जब उसे ठगी का अहसास हुआ। पहली जांच के बाद मंगलवार को सेंट्रल जिला साइबर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। जिन बैंक खातों में धन ट्रांसफर हुआ है, वे पुलिस की निगरानी में हैं।
Whatsapp कॉल पर लगाया चूना
पुलिस अफसरों ने बताया कि 59 साल के शख्स परिवार समेत बलजीत नगर में रहते हैं। 5 अक्टूबर को Whatsapp कॉल आई, जिसमें कॉलर ने दावा किया कि वो सदर थाने से एसआई जसपाल बोल रहा है और आपका भांजा अभिषेक अपने दोस्त के साथ एक लड़की की किडनैपिंग में अरेस्ट हुआ है। इसका रोल थोड़ा कम है, इसलिए वो कम पैसे देने पर छूट सकता है। एक रोते हुए लड़के से बात करवाई, जिसकी आवाज अभिषेक से मिलती-जुलती थी। रोने वाला बार-बार कह रहा था कि अंकल प्लीज मुझे छुड़वाओ।
कथित एसआई ने बताया कि १०-१२ अफसर हैं और भांजे को छोड़ने के लिए ३० हजार रुपये चाहिए। उनके पास २५ हजार रुपये थे। बाद में एसएचओ ने राजपाल से फोन किया, जो बताया कि लड़की को किडनैपिंग किया गया था और वे कम राशि में छोड़ नहीं सकते थे। लड़की की परिवार को मनाने के लिए वह एक लाख रुपये मांगने लगा। बाद में एसएचओ ने राजपाल को बताया कि लड़की के अंकल सेना से रिटायर हैं और नाम हटाने के बजाय मीडिया को फोन करने की धमकी दे रहे हैं, लेकिन वह स्पष्टीकरण देने में लगा है।
पैसे लेने के लिए इसे रेप का मामला बताया और चार डॉक्टरों की टीम के लिए दो लाख रुपये की मांग की। इस प्रकार, चार लाख पांच लाख रुपये विभिन्न बैंक खातों में भेजे गए। उन्हें फिर बताया गया कि आपके भांजे को छोड़ दिया गया है। यह सुनते ही उन्होंने भांजे को फोन किया, जो सुबह से घर पर था। उसे पुलिस कस्टडी से कोई संबंध नहीं है। उन्हें ठगी का अहसास हुआ और वे ऑनलाइन शिकायत की।