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कृषक आंदोलन: पंजाब-हरियाणा प्रशासन ने किसान आंदोलन पर आपत्ति जताई

कृषक आंदोलन: पंजाब और हरियाणा सरकारों ने बुधवार को किसान आंदोलन का सामना किया। सीमा विवाद के बाद दोनों राज्यों के मंत्रियों ने अपने-अपने प्रशासन को बचाने की कोशिश की है। हरियाणा पुलिस ने मंगलवार को आंदोलन के दौरान ड्रोन से आंसू गैस के गोले गिराए थे। पंजाब ने इसे मुद्दा बनाया। पंजाब का दावा है कि किसानों का जमावड़ा पटियाला जिले का हिस्सा है। किसान अंबाला की सीमा पार करना चाहते हैं, लेकिन हरियाणा पुलिस उन्हें रोका जा रहा है।पटियाला जिला उपायुक्त ने बुधवार को अंबाला डीसी को पत्र लिखकर पंजाब की सीमा पर ड्रोन उड़ाने और आंसू गैस के गोले गिराने पर अपनी चिंता व्यक्त की है। पटियाला प्रशासन ने इसे तुरंत रोकने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि पंजाब में ड्रोन उड़ाने पर प्रतिबंध है।

अधिकारियों के सामने आने के बाद दोनों राज्यों के मंत्री भी मामले में शामिल हो गए। गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि हमारी पुलिस को मारकर भागने वाला कोई भी नहीं छोड़ा जाएगा। पंजाब सरकार ने अपने व्यवहार को हैरान करते हुए नोटिस जारी कर कहा कि हमारी सीमा में ड्रोन नहीं भेजना चाहिए। उनका प्रश्न था कि क्या यह भारत-पाकिस्तान की सीमा है? विज ने कहा कि पंजाब सरकार ने किसानों के जत्थे को अमृतसर से जाने के दौरान किसी भी स्थान पर रोकने की कोशिश नहीं की। इसका अर्थ है कि वे दिल्ली को बर्बाद करना चाहते हैं।

पंजाब के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने भी हरियाणा पुलिस की कार्रवाई को गलत बताया। कहा कि पंजाब का वातावरण खराब करने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार ने दो राज्यों को भारत-पाकिस्तान की सीमा बनाया है। केंद्रीय सरकार यह सब कर रही है।

बुधवार को बढ़ूनी ग्रुप (BKEU) की कोर कमिटी की बैठक जिले में हुई। बैठक में किसान आंदोलन की अवस्था पर चर्चा हुई। ज्ञात हुआ कि चढ़ूनी ग्रुप (BKU) आंदोलन का समर्थन करता है।साथ ही सरकार द्वारा आंदोलन को रोकने के लिए किए गए उपायों की भी आलोचना की गई। किसानों को दुश्मन देश के सैनिकों की तरह व्यवहार किया जा रहा है, ऐसा कहा गया। किसानों के अधिकारों को छीनने के लिए सड़कों पर कील, दीवारें और बैरिकेड्स लगाए जा रहे हैं।

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