खट्टर सरकार ने हरियाणा में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर मौज कर रहे प्रोफेसरों को झटका दिया, अब उन्हें कॉलेजों में पढ़ाना होगा
खट्टर सरकार ने हरियाणा में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर मौज कर रहे प्रोफेसरों को झटका दिया
हरियाणा सरकार ने उच्चतर शिक्षा विभाग की प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव करने की योजना बनाई है। अब शिक्षा मुख्यालय में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर काम कर रहे प्रोफेसरों को अपनी मूल जिम्मेदारियों को पूरा करना होगा। अब सदन में नियुक्ति करने के लिए एक एक्सपर्ट कमिटी होगी। अगले हफ्ते में उच्चतर शिक्षा विभाग को यह प्रस्ताव मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री के पास भेजा जाएगा।
हरियाणा शिक्षा विभाग में अधिकांश अधिकारी रसूख पर काम करते हैं। वर्तमान में कई प्रोफेसर पंचकूला और चंडीगढ़ मुख्यालयों में डिप्टी डायरेक्टर और जॉइंट डायरेक्टर के पदों पर कार्यरत हैं। यह पद ए श्रेणी का होता है। कर्मचारी संघों का आरोप है कि हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट के मुख्यालय में डिप्टी डायरेक्टर और जॉइंट डायरेक्टर बने प्रफेसर लाखों रुपये खर्च कर रहे हैं, जबकि वहाँ कोई काम नहीं है। इनमें सरकारी गाड़ी और सभी क्लास वन सुविधाएं हैं। ये इतने प्रभावी हैं कि विभाग के वरिष्ठ अफसरों को भी नहीं सुनते। यह बदलाव मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त हुआ है।
बच्चों को कॉलेजों में पढ़ाया जाना चाहिए
अब सीएम ने उच्चतर शिक्षा विभाग को प्रस्ताव बनाने का आदेश दिया है। विभाग ने 50 प्रतिशत तक हेडक्वॉर्टर में पदों की संख्या कम करने का प्रस्ताव किया है। अभी हेडक्वॉर्टर में असिस्टेंट प्रफेसर, प्रफेसर, डिप्टी डायरेक्टर और जॉइंट डायरेक्टर के लगभग 16 पद हैं। कॉलेजों में वर्षों से जमे लोगों को शिक्षक बनना होगा और विद्यार्थियों को पढ़ाना होगा।