घर से दूर एक घर… पहाड़गंज से इजरायल का खास कनेक्शन, जानें क्यों खास है चाबड़ हाउस

विवेक शुक्ला, नई दिल्ली : आप जब नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की तरफ से पहाड़गंज मेन बाजार में दाखिल होते हैं तो कुछ और अंदर चलने पर यहूदियों का चाबड़ हाउस मिलेगा। इधर अंग्रेजी और हिब्रू में लिखा है ‘चाबड़ हाउस’। आप कह सकते हैं कि ये राजधानी में यहूदियों का घर से दूर एक घर है। यहां पर दुनियाभर से दिल्ली आने वाले यहूदियों को छत मिल जाती है। पहाड़गंज के चाबड़ हाउस में आमतौर पर चहल-पहल रहती है। आमतौर पर यहां इजरायल के कुछ टूरिस्ट आते-जाते नजर आ जाते हैं। पर इजरायल-हमास जंग का असर चाबड़ हाउस पर भी नजर आता है। यहां पर सन्नाटा है। फिलहाल इसकी कुछ सुरक्षाकर्मी निगहबानी कर रहे हैं।

 

 

घर से दूर एक घर

इजरायल के टूरिस्ट अगर पहाड़गंज को पसंद करने लगे हैं तो इसके लिए चाबड़ हाउस को भी क्रेडिट देना होगा। उन्हें पहाड़गंज में आकर लगता है कि वे अपने घर में हैं। पहाड़गंज में लंबे समय से एक होटल चला रहे दर्शन सिंह बताते हैं कि पश्चिम एशिया में खूनी जंग के कारण यहां के दर्जनों होटलों को लग रहा है कि अब यहां लंबे समय तक इजरायल से आनेवाले टूरिस्टों की आमद रुक जाएगी। जो आए और ठहरे भी थे, वे भी चेक आउट कर गए हैं या करने जा रहे हैं। पहले की बुकिंग्स भी कैंसिल हो रही हैं।

 

 

 

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बुलेट लेकर कहां जाते

पहाड़गंज बीते कम से कम तीन दशकों से इजरायल के टूरिस्टों की सबसे पसंदीदा जगह के रूप में उभरा है। वे यहां आकर ठहरते हैं और यहां से हिमाचल प्रदेश और दूसरे राज्यों में करोल बाग से बुलेट मोटरसाइकल रेंट पर लेकर निकल जाते हैं। इजरायल से आनेवाले टूरिस्ट गर्मियों के मौसम में पहाड़गंज के होटलों में भर जाते हैं। ये पहाड़गंज के होटलों की जान हैं। इन्हें हर तरह से बहुत बढ़िया टूरिस्ट माना जाता है। ये वक्त पर अपना बिल दे देते हैं और कोई गैर-कानूनी काम भी नहीं करते। ये आमतौर पर अपनी पत्नियों या गर्लफ्रेंड के साथ आते हैं। एक अनुमान के मुताबिक, हर साल हजारों इजरायली पहाड़गंज में दस्तक देते हैं।

 

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मिलने-बैठने की जगह

कुछ महीने पहले एक नौजवान इजरायली अवराहम डेनियल ने पहाड़गंज में लड्डू घाटी के पास इस लेखक से कहा था कि दिल्ली आनेवाले इजरायली को जब पता चलता है कि यहां पहाड़गंज में चाबड़ हाउस है तो फिर वह इधर के ही किसी होटल में बुकिंग करवाते हैं। दरअसल चाबड़ हाउस यहूदियों की एक मिलने-बैठने की जगह होती है। जहां भी यहूदियों का खूब आना-जाना होता है, वहां पर चाबड़ हाउस बन जाता है। उसके बनाने में इजरायल सरकार की भी भूमिका होती है। पहाड़गंज का चाबड़ हाउस 1993 में बना था। उससे कुछ पहले ही भारत-इजरायल के बीच राजनयिक संबंध स्थापित हुए थे। चाबड़ हाउस को सिनेगॉग से अलग माना जाना चाहिए। सिनेगॉग यहूदियों का पूजा स्थल है। जबकि चाबड़ हाउस में रहने की भी व्यवस्था होती है और धार्मिक शिक्षा भी दी जाती है।

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