नई दिल्ली: सोने का कारोबार भरोसे की नींव पर चलता है और HUID, हॉलमार्क जैसी व्यवस्था ने इस भरोसे को मजबूत बनाने में छोटे-बड़े सभी आभूषण कारोबारियों की काफी मदद की है। यह कहना है चांदनी चौक के दो नामी जूलर्स और बुलियन कारोबारियों की असोसिएशन के पदाधिकारियों का। ‘सान्ध्य टाइम्स’ संवाद की ताजा कड़ी में कूचा महाजनी के द बुलियन मर्चेंट्स असोसिएशन के प्रेजिडेंट तारा चंद जालान, जनरल सेक्रेटरी ऋषि वर्मा, जॉइंट सेक्रेटरी सुशील जैन, दरीबा व्यापार मंडल के प्रेजिडेंट बसंत गुप्ता, जनरल सेक्रेटरी मनीष वर्मा और द बुलियन एंड जूलर्स असोसिएशन के चेयरमैन योगेश सिंघल ने हिस्सा लिया।
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सरकार के कदम से व्यापारियों हुआ काफी फायदा
इस संवाद कार्यक्रम में व्यापारियों ने जहां बाजार की स्थानीय समस्याओं को विस्तार से रखा, वहीं सरकार की उन नीतियों की भी सराहना की जिसने ग्राहक और जूलर्स के बीच के भरोसे के पुल को मजबूत बनाया है। हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (HUID) नंबर को ऐसा ही कदम बताते हुए योगेश सिंघल ने कहा कि आज ग्राहक के पास इतनी सुविधा है कि वह किसी भी कैरेट का गहना खरीदने से पहले उसका HUID नंबर बीआईएस के ऐप पर डालकर जूलरी की मेनुफेक्चरिंग से लेकर हॉलमार्किंग तक की सभी डिटेल फोन की स्क्रीन पर देख सकता है। सरकार के इस कदम से छोटे जूलर, बड़े जूलर या ब्रैंडेड जूलर का फर्क काफी हद तक खत्म हो गया है। खरीदार को सिर्फ इतना करना है कि वह गहने की खरीद पर जीएसटी पेड बिल जरूर ले। साथ ही खरीद से पहले जूलर से यह जरूर पूछे कि वह जूलरी का जो रेट बता रहा है, उसमें 3% जीएसटी शामिल है या नहीं।
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लॉन्ग टर्म निवेश की सोच रहे हैं तो अभी करें थोड़ा इंतजार
सोने में निवेश पर बसंत गुप्ता का कहना है कि लॉन्ग टर्म निवेश की सोच रहे हैं तो अभी थोड़ा इंतजार किया जा सकता है। हालांकि शॉर्ट टर्म निवेश के लिए यह समय बेहतर है। 56,000 रुपये के भाव को वह सोने का करेक्शन लेवल मानते हैं। तारा चंद जालान का कहना था कि अमूमन यह धारणा है कि जब भी सोने का दाम ऊपर जाता है तो सोने के कारोबारियों की चांदी हो जाती है। हालांकि हकीकत इसके उलट है। दाम ऊपर जाने से जूलर की देनदारी बढ़ती है जिससे उस पर भार बढ़ता है।
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जूलरी बिकती ही नहीं, बनती भी है यहां
दरीबा कलां दिल्ली के सबसे पुरानी जौहरी बाजारों में शुमार है। यहां पर सोने, चांदी, हीरे के साथ ही आर्टिफिशियल जूलरी की भी बड़ी वेरायटी मौजूद है। दरीबा में जूलरी मैनुफेक्चरर, रिटेल शॉप और होलसेल शॉप बड़ी तादाद में हैं। यहां पर करीब 2 हजार जूलर हैं। इसी तरह जूलरी की एक और बड़ी मार्केट कूचा महाजनी में करीब 700 दुकानें हैं। यह बाजार सोने-चांदी की होलसेल ट्रेडिंग के लिए मशहूर है। चांदनी चौक की इन गलियों में मुगलों के ज़माने से होता है सोने-चांदी का कारोबार।