दिल्ली के प्रदूषण पर LG ने “आप” सरकार को सुना दिया।दूसरों को घृणा करने से कुछ नहीं होगा..।

दिल्ली के प्रदूषण पर LG ने “आप” सरकार को सुना दिया।

दिल्ली की राजधानी में गंभीर पलूशन है। दिल्लीवासी जहरीली या दमघोंटू हवा से परेशान हैं। LG वीके सक्सेना ने अब इससे नाराज हो गए हैं। उन्हें आम आदमी पार्टी की सरकार पर क्रोध आया है। LG ने कहा कि दिल्ली के प्रदूषण के लिए दूसरे राज्यों को दोषी ठहराना कोई समाधान नहीं है और वास्तविक समाधान सिर्फ दिल्ली में है। उन्हें एक्स पर लिखा गया कि दिल्ली को कार्रवाई की जरूरत है, न कि सिर्फ झूठ बोलना। एलजी ने कहा कि अभी राजनीति करने के लिए पर्याप्त समय है।

LG VK Saxena ने एक्स पर एक पोस्ट में दिल्ली सरकार पर हमला करते हुए कहा कि हम दूसरे राज्यों से फसल अवशेषों के धुएं को रोकने के लिए उनसे गुहार लगाने के अलावा कुछ नहीं कर सकते। हम राज्यों, खासकर पंजाब के धोखे के बावजूद दया की मांग करते हैं। काउंटी का एक्यूआई अभी भी 400 के आसपास है, जिससे वह हताश है।दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने लिखा कि दिल्ली का एक्यूआई गुरुवार सुबह ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ हो गया है, इसलिए कार्रवाई की जगह ढोंग की जरूरत है।

दिल्ली का प्रदूषण दिल्ली में ही हल होगा।

दिल्ली के प्रदूषण पर LG ने "आप" सरकार को सुना दिया।

एलजी ने कहा कि पटाखे निश्चित रूप से खतरे को बढ़ाते हैं। रोजमर्रा की रोटी कमाने वाले लोग इस गैस चैंबर में सबसे अधिक प्रभावित हैं। स्लम और अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले गरीब और असहाय लोगों के फेफड़े जल रहे हैं क्योंकि वे घर पर बैठकर एयर प्यूरीफायर खरीदने का खर्च नहीं उठा सकते। एलजी ने लिखा, ‘दिल्ली में प्रदूषण का असली समाधान दिल्ली में है।”

स्मॉग टावर ने क्या कहा?

दिल्ली के प्रदूषण पर LG ने "आप" सरकार को सुना दिया।

एलजी ने कहा, “हम धूल को कम करके दम घुटने वाले धुएं को कम कर सकते हैं जो हमारी बिना मरम्मत वाली सड़कों, बिना पक्की फुटपाथ और निर्माण स्थलों के कारण होता है।” हम अपने वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन को कम करने के लिए कारगर उपायों का उपयोग कर सकते हैं। उपराज्यपाल ने कहा कि नवंबर के पहले सप्ताह में फसल जलाने और दिवाली के मौसम के कारण दिल्ली में धुंध एक बार-बार होने वाला मुद्दा बन गया है।

एलजी ने आलोचना करते हुए कहा कि स्मॉग टावरों जैसे स्थानों पर प्रचार की राजनीति, जिसमें “रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ और ऑड-इवन” जैसे प्रचारित कार्यक्रम शामिल हैं, बहुत कम महत्वपूर्ण हैं। दिल्लीवासियों का जीवन फिरौती से नहीं चल सकता।

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