“बॉलिंग होने वाली है” का अर्थ है कि नशीला पदार्थ पहुंचा जाएगा..।
जेल में नशीला पदार्थ , सिम और मोबाइल लाने पर प्रतिबंध के बावजूद कैदियों के मुलाकाती नए तरीके अपना रहे हैं। नियमित रूप से जेल में मिलने वाले मोबाइल फोन और अन्य सामान ने जेल की सुरक्षा को कमजोर कर दिया है, हालांकि कानून इतना कठोर है। नूंह सदर थाना पुलिस ने 6 कैदियों (उप-सहायक जेल अधीक्षक की शिकायत पर) को नशीला पदार्थ और मोबाइल फोन पहुंचाने के दो अलग-अलग मामलों में केस दर्ज कर जांच शुरू की है।
पहले मामले में उप-सहायक जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने पुलिस को बताया कि वह सुरक्षा गार्ड के साथ जेल में पूछताछ करने पहुंचे, क्योंकि ब्लॉक नंबर 3 के बैरक नंबर 3 में बंद साजिद पुत्र मुस्ताक और ब्लॉक नंबर 3 के बैरक नंबर 1 में बंद मोबिन पुत्र हारून ने संदिग्ध हरकत की थी। बाद में एक कैदी ने बताया कि साजिद और मोबिन कोड वर्ड में बोल रहे थे कि ब्लॉक 1 और 2 में बॉलिंग होने वाली है, जिसे वह उठाकर ब्लॉक 5 के बैरक नंबर 1 में बंद अहमद उर्फ कोद पुत्र टुंडल को देंगे।
सूचना पर जेल की तलाशी ली गई। तलाशी में दो बॉलनुमा सीमेंट की वस्तुएं मिली। उन्हें तोड़कर जांच करने पर अंदर लगभग ९० ग्राम नशीला पदार्थ सुल्फा, एक मोबाइल चार्जर, चार डाटा केबल और दो मोबाइल फोन की बैटरी मिली। जेल अधिकारियों को पहली जांच में लगता था कि उक्त सामान बाहर से किसी अज्ञात व्यक्ति ने जेल में फेंका है। इस मामले में पुलिस ने साजिद, मोबिन और अहमद उर्फ कोद सहित एक अज्ञात व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
नूंह सदर थाना पुलिस को दी शिकायत में उप-सहायक जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि धर्मेंद्र पुत्र बलवीर पिछले कुछ समय से जेल में बंद है। बीते दिन, राहुल ने अपने पुत्र मुकेश, हसनपुर जेल में बंद धर्मेंद्र से मुलाकात की, जो उसे अपना साला लगता है। मुलाकात के बाद मुकेश ने अपने जीजा धर्मेंद्र को कुछ वस्तुएं दीं। इसमें कुछ कपड़े और चप्पल शामिल थे। बाद में ड्यूटी वार्डन ने सामान की जांच की। तलाशी के दौरान चप्पल के पीछे वाले भाग के नीचे से बीस ग्राम नशीला पदार्थ सुल्फा मिला। इस मामले में पुलिस ने जीजा और साले के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।