जमीनी स्तर पर नियमों का पालन मजबूत करने की दिशा में एक निर्णायक कदम उठाते हुए, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PPCB) ने आज 14 प्रमुख ब्रांडों को तलब किया। इन ब्रांडों की पहचान ऐसे प्लास्टिक कचरे में बड़े योगदानकर्ता के रूप में की गई है, जिसे रीसायकल करना मुश्किल है। बोर्ड ने उन्हें स्पष्ट और समय-सीमा वाली रणनीतियां पेश करने का निर्देश दिया है, ताकि उपभोक्ता इस्तेमाल के बाद प्लास्टिक पैकेजिंग को वापस करने के लिए प्रोत्साहित हों। PPCB की चेयरपर्सन रीना गुप्ता ने कहा, “किसी भी कंपनी को पंजाब को प्रदूषित करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। हम जवाबदेही तय करेंगे और अपने सभी शहरों को साफ करेंगे।”
यह कदम बोर्ड द्वारा किए गए प्लास्टिक कचरा ब्रांड ऑडिट के बाद उठाया गया है, जो भारत में पहली बार किया गया एक अभ्यास है। चेयरपर्सन ने ब्रांडों को अपने कचरा निपटान (Waste Treatment) की समीक्षा करने और उपभोक्ताओं को पैकेजिंग वापस लाने के लिए प्रोत्साहित करने की सिफारिश की है।
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PPCB) ने पंजाब के छह शहरों – अमृतसर, बठिंडा, जालंधर, लुधियाना, मोहाली और पटियाला में प्लास्टिक कचरा ब्रांड ऑडिट 2025 किया। इस अध्ययन (Study) में इन शहरों के अलग-अलग क्षेत्रों से इकट्ठा किए गए प्लास्टिक कचरे की जांच की गई, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कौन सी कंपनियां सबसे ज्यादा प्लास्टिक कचरा पैदा कर रही हैं।
विभिन्न सामाजिक-आर्थिक प्रोफाइल वाले क्षेत्रों से अध्ययन किए गए कुल 6,991 किलोग्राम नगरपालिका कचरे (Municipal Waste) में से 613 किलोग्राम प्लास्टिक पाया गया। नतीजों से पता चलता है कि इस प्लास्टिक कचरे का 88% हिस्सा ऐसा है जिसे रीसायकल करना मुश्किल है।
ब्रांड के अनुसार नतीजे
छह शहरों में कुल 11,810 प्लास्टिक पैकेट मिले। इनमें से, मुश्किल से रीसायकल होने वाले लगभग 59% कचरे के लिए केवल 14 प्रमुख राष्ट्रीय और बहुराष्ट्रीय ब्रांड (National and Multinational Brands) जिम्मेदार पाए गए।
PPCB ने कहा है कि ये निष्कर्ष एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पॉन्सिबिलिटी (EPR) नियमों के तहत तत्काल सख्त कार्रवाई की जरूरत को उजागर करते हैं। इन नियमों के तहत, कंपनियों को अपने उत्पादों (Products) द्वारा पैदा होने वाले कचरे की जिम्मेदारी लेनी होती है।
बोर्ड ने पाया कि कुछ कंपनियां या ब्रांड मालिक, गैर-प्रमाणित सर्टिफिकेट (Unverified Certificates) का इस्तेमाल करके या अपनी जिम्मेदारी दूसरे राज्यों पर डालकर, केवल कागजों में ही EPR लक्ष्यों को पूरा कर रहे हैं। यह तरीका पंजाब की प्रदूषण समस्या को हल करने के बजाय और बढ़ा रहा है।
प्लास्टिक कचरा पैदा करने वालों (Producers) को अपने कचरे के वास्तविक, प्रमाणित और पूरी तरह से ऑडिट किए जा सकने वाले संग्रह (Collection) और प्रोसेसिंग की ओर बढ़ना चाहिए। यह काम सिर्फ कागजों पर या दूसरे राज्यों में नहीं, बल्कि असल में पंजाब के भीतर ही होना चाहिए।
PPCB पंजाब को एक स्वच्छ, सर्कुलर (Circular) और प्लास्टिक-जिम्मेदार भविष्य की ओर ले जाने के लिए निगरानी, नियमों को लागू करने और औद्योगिक सहयोग को बढ़ाना जारी रखेगा।



