पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज घोषणा की कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को तेज करने, आवश्यक सेवाओं को बेहतर बनाने और ग्राम पंचायतों को सशक्त करने के उद्देश्य से विभिन्न विकास कार्यों के लिए 332 करोड़ रुपये की महत्वपूर्ण किश्त जारी की गई है। उन्होंने कहा कि इसी श्रृंखला में 334 करोड़ रुपये की अगली किश्त दिसंबर के अंत तक या जनवरी के पहले सप्ताह में जारी कर दी जाएगी, ताकि ग्रामीण विकास के लिए संसाधनों का निरंतर प्रवाह बना रहे।
पंजाब भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने सत्ता संभालने के पहले दिन से ही विकास कार्यों को प्राथमिकता दी है। इसी के तहत यह राशि ग्राम पंचायतों के विभिन्न विकास कार्यों, जैसे कि सैनिटेशन बॉक्स की स्थापना आदि के लिए उपयोग की जाएगी।
जारी किए गए फंडों का विवरण देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि 332 करोड़ रुपये की राशि को रणनीतिक रूप से टाइड और अनटाइड फंडों में विभाजित किया गया है ताकि सामान्य स्थानीय विकास और विशेष स्वच्छता कार्य दोनों सुनिश्चित किए जा सकें। उन्होंने बताया कि 156 करोड़ रुपये की ग्रांट अनटाइड फंड के रूप में दी जा रही है, जिसे ग्राम पंचायतें अपने अधिकार क्षेत्र में किसी भी विकास कार्य में उपयोग कर सकती हैं। वहीं 176 करोड़ रुपये की राशि टाइड फंड के रूप में स्वच्छता कार्यों के लिए निर्धारित की गई है। यह संपूर्ण ग्रांट ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद के बीच 70:20:10 के अनुपात में वितरित की जाएगी।
जिला-वार वितरण की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि 22 जिलों में कुल 3,329,750,900 रुपये (जिसमें 1,766,319,970 रुपये टाइड फंड और 1,563,430,930 रुपये अनटाइड फंड शामिल हैं) आवंटित किए गए हैं। इनमें सर्वाधिक राशि वाले जिले लुधियाना (टाइड 200,143,127 रुपए , अनटाइड 133,905,292 रुपए), होशियारपुर (टाइड 170,847,451 रुपए, अनटाइड 114305, 089 रूपये और गुरदासपुर (टाइड 165563,924 रुपए, अनटाइड 110770,166 रुपए) हैं। अन्य प्रमुख जिलों में संगरूर, पटियाला, जालंधर, फिरोज़पुर, फाज़िल्का, मोगा, शहीद भगत सिंह नगर, श्री मुक्तसर साहिब और तरनतारन शामिल हैं।
पत्रकारों द्वारा केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू के आरोपों पर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए, वित्त मंत्री चीमा ने कहा कि केंद्रीय मंत्री की टिप्पणियाँ उनकी “जानकारी की कमी” और एस एन ए स्पर्श प्रणाली की समझ के अभाव को दर्शाती हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस प्रणाली के अंतर्गत, राज्य सरकार द्वारा अपने हिस्से का योगदान (केंद्र-राज्य साझेदारी अनुपात के अनुसार) जमा कराने के बाद भारत सरकार अपनी हिस्सेदारी सीधे आर बी आई खाते में जमा करवाती है। इस प्रकार एस एन ए स्पर्श प्रणाली केंद्र और राज्य सरकार दोनों के फंडों से वास्तविक समय में भुगतान सुनिश्चित करती है।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में वित्त मंत्री ने रवनीत बिट्टू से अपील की कि वे गलत जानकारी फैलाने से बचें और राजपुरा–चंडीगढ़ रेलवे लाइन प्रोजेक्ट की लेआउट योजना को सार्वजनिक करें, यदि केंद्र सरकार ने वास्तव में राज्य के साथ इसे साझा किया है।
अपने संबोधन का समापन करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब सरकार ग्राम पंचायतों तक सीधे और जवाबदेह वित्तीय प्रवाह के माध्यम से साफ़-सुथरे, मज़बूत और जीवंत ग्रामीण समुदायों के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि सरकार वर्तमान में 4,150 करोड़ रुपए की लागत से 19,000 किलोमीटर सड़कों की पुनः-कारपेटिंग जैसे बुनियादी ढांचा विकास प्रोजेक्ट चला रही है। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार खेल स्टेडियमों के निर्माण पर 1,000 करोड़ रुपये का निवेश कर चुकी है और लगभग 250 खेल नर्सरियों की स्थापना भी कर चुकी है, जिससे राज्य के युवाओं के सर्वांगीण विकास को बढ़ावा मिल रहा है।



