मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर कहा कि यूसीसी तीन तलाक, हलाला और श्रद्धा जैसे हत्याकांडों को नियंत्रित करेगा।
सोमवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बरेली पहुंचे। इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी ने उनका उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता कानून लागू करने पर स्वागत किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर कहा कि यूसीसी तीन तलाक, हलाला और श्रद्धा जैसे हत्याकांडों को नियंत्रित करेगा।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) कानून संविधान का मूल है, इसलिए राज्य ने संविधान निर्माताओं को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की है। समान कानून तीन तलाक और हलाला जैसी घटनाओं को नियंत्रित करेगा। लिव इन रिलेशनशिप पंजीकरण से दिल्ली के श्रद्धा हत्याकांड नहीं होंगे। कानून लागू करने का एक और कारण है कि वह ऐसी घटनाओं को देख नहीं सकता। देवभूमि की नदियों की तरह, ये नियम पूरे भारत में फैलेंगे।
बरेली में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता कानून लागू करने का स्वागत किया। इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी में सोमवार को आयोजित स्वागत और अभिनन्दन समारोह में धामी ने कहा कि उत्तराखंड की मुस्लिम महिलाएं कानून लागू होने के बाद से उनसे मिलती हैं और उनका आभार व्यक्त करती हैं। क्योंकि इस कानून से कुछ धर्मों की कुरीतियों से भी छुटकारा मिलता है। छोटे-छोटे मुद्दों पर तीन बार तलाक कहकर घर से निकाला नहीं जा सकता है। अब कोई आफताब श्रद्धा को जाल में फंसाकर टुकड़े-टुकड़े नहीं कर सकता।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हम एक मजबूत भारत की ओर बढ़ रहे हैं। पीएम मोदी ने कई फैसले लिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामों से प्रेरित होकर हमने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने का ऐतिहासिक फैसला किया। समान नागरिक संहिता का उद्देश्य सभी लोगों के लिए समान कानून की व्यवस्था सुनिश्चित करना है।
बरेली मेयर ने धामी को धाकड़ सीएम बताया
इंवर्टिस यूनिवर्सिटी के मेयर और कुलाधिपति उमेश गौतम ने कहा कि उत्तराखंड में ऐसे धार्मिक स्थान हैं, जिनके बारे में लोगों को पता नहीं था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें सामने लाने का साहस किया। आदि ने कैलाश और अन्य देव स्थानों को प्रसिद्ध करने में बहुत मेहनत की। विभिन्न परिवहन प्रणाली की मुख्यमंत्री धामी ने कानून को लागू किया, जो असंभव लग रहा था। इसे अन्य किसी राज्य में लागू करना असंभव है। इससे सबक लेकर दूसरे राज्य भी इसका पालन करेंगे। ऐसी उम्मीद व्यक्त की।
“यूसीसी लागू होना सपने के सच होने की तरह है”
समान नागरिक संहिता कानून लागू होने पर कानूनविद् प्रोफेसर हरिवंश दीक्षित ने कहा कि यह सपने के सच होने जैसा है। देश का संविधान बनाते समय संविधान निर्माता ने समान नागरिक संहिता लागू करने का निर्णय लिया था। ताकि समानता बनी रहे लेकिन तत्कालीन सरकारों ने इसमें रुचि नहीं दिखाई। बल्कि वोट बैंक की राजनीति के लिए संविधान को बेच दिया।
भाजपा ब्रज क्षेत्र के अध्यक्ष दुर्विजय सिंह शाक्य ने कहा कि समान नागरिक संहिता लागू करना दुर्लभ है। उत्तराखंड सरकार के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धार्मिक आधार पर वोटों के ध्रुवीकरण के दौर में समान नागरिक कानून बनाया। पीएम मोदी से पहले के मुख्यमंत्रियों ने कहा था कि मुसलमानों को प्राकृतिक और आर्थिक संसाधन पर पहला अधिकार है। देश भर में वोट लेना चाहते थे। पर प्रधानमंत्री मोदी ने सभी लोगों के विकास का सपना देखा। पुष्कर सिंह धामी ने इसे साबित कर दिया। उन्हें देश के पहले मुख्यमंत्री होने का गौरव मिला जिन्होंने समानता कायम करने वाले कानूनों को लागू किया था।
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