बादली स्टेशन पर सीमेंट की लोडिंग और अनलोडिंग की घटना ने गुड्स यार्ड को सिर दर्द कर दिया
बादली स्टेशन पर बने गुड्स यार्ड से स्थानीय लोगों को बहुत परेशानी हो रही है। यहां करीब एक दर्जन से अधिक कॉलोनियां, बादली और समयपुर गांव हैं, स्थानीय लोगों का कहना है। यहां के लोगों को लोडिंग-अनलोडिंग की वजह से उड़ने वाली डस्ट से काफी परेशानी होती है।
पिछले कई महीनों से यहां सीमेंट की बोरियों की लोडिंग-अनलोडिंग ने लोगों की सांस से जुड़ी समस्या को जन्म दिया है। इससे बहुत अधिक डस्ट हवा में बहती है। इससे लोगों को सांस की समस्याएं होती हैं। स्थानीय लोगों ने कुछ दिन पहले धरना प्रदर्शन किया था, लेकिन अब वे रेलवे के सीनियर अधिकारी, रेल मंत्री, सांसद और अन्य विभागों को पत्र लिखकर यार्ड को यहां से स्थानांतरित करने की मांग कर रहे हैं।
स्थानीय आरडब्ल्यूए जनहित प्रयास समिति यादव नगर के महासचिव हितेश शर्मा ने बताया कि इस गुड्स यार्ड के निकट ही कई इलाके हैं, जैसे यादव नगर, समयपुर, बादली गांव, टीचर कॉलोनी, शिवपुरी, मंदिर मोहल्ला और संजय कॉलोनी. ट्रकों की आवाजाही से उड़ रही धूल रोजाना इन क्षेत्रों से सैकड़ों ट्रक इस माल यार्ड में आते-जाते हैं।
ट्रकों की आवाजाही के दौरान, यार्ड तक जाने वाली सड़क की दुर्लभ स्थिति से धूल उड़ती है। साथ ही, सीमेंट की बोरियों को भरते समय सीमेंट की डस्ट हवा में उड़ती है। यहां चल रहे सभी ट्रक डीजल से चलते हैं। पल्यूशन का स्तर बहुत अधिक होने पर भी विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
शिकायत के बावजूद कोई प्रभाव नहीं
स्थानीय निवासी राहुल वशिष्ठ ने बताया कि संबंधित विभागों, दिल्ली पल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, रेलवे और अन्य विभागों को पहले ही शिकायत की गई है। लोगों ने दो दिन धरना प्रदर्शन भी किया था, लेकिन यह नहीं सुलझाया गया। यही कारण है कि लोगों को रेलवे स्टेशन से प्लैटफॉर्म और गुड्स यार्ड तक जाने वाली सड़क की मरम्मत की जरूरत है। साथ ही सीमेंट या किसी अन्य सामग्री की लोडिंग-अनलोडिंग भी होगी। यहां पहले अनाज की लोडिंग-अनलोडिंग ही होती थी।