मुरादाबाद के ग्राम मौढा तैय्या की की झील को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा. इस झील को जल संचय का स्रोत बनाने के लिए 1.25 करोड़ रुपये से जीर्णोद्धार का काम शुरू कर दिया गया है. पहले की तरह यहां ठंड में साइबेरियन पक्षी भी आए इसके लिए अनुकूल वातावरण तैयार होगा.
15 सितंबर तक पहले चरण का काम पूरा कर लिया जाएगा. क्षेत्र के लोगों के मुताबिक एक दशक पहले तक झील में ठंड में विदेशी पक्षियों की आमद हुआ करती थी. झील में खिले कमल इसकी सुंदरता में चार चांद लगाते थे. साइबेरियन पक्षियों की आमद झील की सुंदरता को दोगुना कर देती थी. देखरेख के अभाव में झील में पानी कम होता गया.
विकास को लेकर लंबे समय से थी मांग
13 हेक्टेयर क्षेत्र में अगवानपुर पाकबड़ा बाईपास पर स्थित मौढा तैय्या झील को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मांग क्षेत्र के लोग लंबे समय से करते आ रहे थे. मंडल आयुक्त आंजनेय कुमार सिंह के निर्देशन पर एमडीए शैलेश कुमार ने इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए कार्य शुरू कर दिया है. एमडीए वीसी शैलेश कुमार ने बताया कि 1. 25 करोड रुपये स्वीकृत होने के बाद जेसीबी पोकलैंड मशीनों से इसकी खुदाई का काम शुरू कर दिया है. जिससे इसका भूमिगत जलस्तर भी बढेगा.
लोगों में भारी उत्साह
ग्राम पंचायत गांव मौढा तैय्या की प्रधान सुबोध कुमारी और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय सचिव डॉक्टर नर्सिंग एमडीए द्वारा झील को विकसित किया जा रहा है. इसको लेकर लोगों में खुशी देखने को मिल रही है. दोनों ही पिछले काफी समय से इसकी मांग कर रहे थे. डॉक्टर जो नो सिंह ढिल्लो ने बताया कि भूजल स्तर बढ़ने का लाभ भी किसानों को मिलेगा. झील के बीच एक टापू को विकसित किया जाएगा. इससे यहां पहले की तरह मेहमान पक्षियों की आमद को बढ़ावा दिया जाएगा.
ये होगी झील की खासियत
झील के चारों ओर खुदाई से निकली मिट्टी से 7 मीटर चौड़ा बांदा बनाया जाएगा. इस पर वॉकिंग पद का निर्माण होगा. भूजल संसाधनों की सुरक्षा संरक्षण संचयन एवं रिचार्जिंग के लिए झील के आसपास के गांव का पानी झील में पहुंचने के लिए उसकी परिधि में 100 मीटर के अंतराल पर पाइप लगाए जाएंगे. दूसरे चरण में वन विभाग के सहयोग से विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगेंगे और बेंच भी लगाई जाएगी.