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राज्यसभा में सर्वसम्मति से महिला आरक्षण बिल पारित: लोकसभा-राज्यसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, 5 दिन का विशेष सत्र 4 दिन में समाप्त

राज्यसभा में सर्वसम्मति से महिला आरक्षण बिल पारित

महिला आरक्षण बिल, या नारी शक्ति वंदन विधेयक, राज्यसभा में भी स्पेशल सेशन के चौथे दिन सर्वसम्मति से पास हो गया है। बिल के खिलाफ कोई वोट नहीं दिया गया। बिल को हाउस में उपस्थित सभी 214 सांसदों ने समर्थन दिया। बिल अब राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। यह कानून उनकी मंजूरी मिलते ही बन जाएगा। लोकसभा में कल (बुधवार) यह बिल पास हुआ। विधानसभाओं और लोकसभाओं में महिलाओं को 33% आरक्षण मिलेगा जब प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

बिल पारित होने के बाद राज्यसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने फिर लोकसभा में चंद्रयान 3 की सफलता पर चर्चा की। चर्चा के बाद भी लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।

प्रधानमंत्री ने बिल को सर्वसम्मति से पारित करने की अपील की थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने बिल पर व्यापक बहस की है और इस बहस का हर शब्द भविष्य में काम आने वाला है। हर शब्द का अर्थ और महत्व है।

मैं बिल का समर्थन करता हूं, जैसा कि प्रत्येक सांसद ने अपने भाषण में कहा था। इसके लिए सभी को धन्यवाद। इससे देशवासी आत्मविश्वास प्राप्त करेंगे। सभी सांसदों और दलों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हम सभी सांसदों से अनुरोध करते हैं कि वे इसे सर्वसम्मति से पारित करें।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वे और उनकी पार्टी इस बिल का समर्थन करेंगे, उपराष्ट्रपति से कहा कि वे पहले से जानते थे कि बिल आने वाला है। यह बिल जल्दी आ जाएगा। उपराष्ट्रपति जी को पहले से पता था कि बिल आने वाला था, हालांकि हमें इसकी पूर्व जानकारी नहीं थी। 4 सितंबर को जयपुर में आपने कहा था कि महिलाओं को देश की संसदों और विधानसभाओं में बराबरी का अधिकार मिलेगा।

उनका दावा था कि अमित शाह ने पहले कहा था कि वे दो करोड़ नौकरियां देंगे और हर व्यक्ति के खाते में 15 से 15 लाख देंगे। बाद में जब उनसे पूछा गया कि कब देंगे, तो उन्होंने कहा कि यह एक चुनाव प्रचार था। मैं चाहता हूँ कि महिला आरक्षण बिल को लागू किया जाए, न कि जुमला बन जाए। जैसे आपने नोटबंदी लागू करने का फैसला तुरंत लिया था, आरक्षण भी लागू करने का फैसला तुरंत लीजिए।

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल, जेपी नड्डा और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर अपनी राय दी।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल, जेपी नड्डा और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर अपनी राय दी।
धनमंत्री ने नरसिंहाराव सरकार को प्रशंसा की
ധനमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव की सरकार ने महिलाओं को पंचायत राज में 33 प्रतिशत आरक्षण दिया था। इससे पंचायतों में प्रगति हुई है। आज बहुत से राज्यों में 33% आरक्षण को 50% तक बढ़ा दिया गया है।

मेघवाल ने बिल प्रस्तुत किया, नड् डा-खड्गे ने बहस की
कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने गुरुवार को राज्यसभा में बिल प्रस्तुत किया। कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने इसके बाद बहस की शुरुआत की। बिल पर आपत्ति जताते हुए, उन्होंने कहा कि महिलाओं को वंदन नहीं, समानता चाहिए।

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसके बाद अपना भाषण दिया। उनका कहना था कि ये बिल महिलाओं को सम्मान नहीं, बल्कि प्रशंसा है। ये बिल आज पारित होने पर 2029 तक 33% महिलाएं सांसद बन जाएंगी। वहीं, खड़गे ने कबीर का दोहा सुनाया, “काल करे सो, आज कर” और आरक्षण को तत्काल लागू करने की मांग की।

जवाब में जेपी नड्डा ने कहा कि भाजपा का लक्ष्य राजनीतिक लाभ नहीं है। सरकार निष्पक्ष कार्य करती है और नियमों का पालन करती है। नड्डा ने कहा कि विपक्षी सांसदों ने शासन करना नहीं आया जब वे इस पर “नो-नो” करने लगे। शासन करने वालों को पता होता कि कानून भी कुछ है।

सिल्वर स्पून से पैदा हुए लोगों को गरीबी का दर्द नहीं मालूम होता, उन्होंने कहा। लीडर को सिखाए हुए बयान देने से काम नहीं चलता; वे लीडर बनना चाहिए।

जया बच्चन ने स्पीकर से कहा: मैं फिर से आपकी कुर्सी पर बैठना चाहता हूँ।
भारतीय जनता पार्टी की राज्यसभा सांसद जया बच्चन ने कहा कि बोलने का आखिरी नुकसान यह है कि बोलने को कुछ बचता ही नहीं। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस पर कहा कि वे इतने हिस्सों में बंट गए कि मेरे हिस्से में कुछ भी नहीं बचा।

जवाब में जया ने कहा कि उनकी कुर्सी झूले की तरह है, मैं इस पर दोबारा बैठना चाहूंगी। जया बच्चन को कुछ समय के लिए राज्यसभा की कार्यवाही चलानी दी गई।

लोकसभा में प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बिल का हर व्यक्ति हकदार है

लोकसभा में महिला आरक्षण बिल को पास करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी सांसदों को धन्यवाद दिया।
लोकसभा में महिला आरक्षण बिल को पास करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी सांसदों को धन्यवाद दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार सुबह 11 बजे लोकसभा में भाषण देने के लिए पहले खड़े हुए। उनका कहना था कि कल भारत की संसदीय यात्रा का एक ऐतिहासिक क्षण था। उस क्षण का अधिकार इस सदन के प्रत्येक सदस्य को है। सभी दल में शामिल हैं। सभी दल नेता हैं भी। वे भी उतने ही हकदार हैं, चाहे वे सदन में हों या बाहर।

उन्होंने कहा, “मैं आज इस बहुत महत्वपूर्ण निर्णय में और कल का निर्णय और आज राज्यसभा के बाद जब हम अंतिम पड़ाव भी पूरा कर लेंगे”। आप सभी ने इस पवित्र कार्य को पूरा करने के लिए जो कुछ दिया है, समर्थन दिया है और व्यापक चर्चा की है। आज सदन के नेता के रूप में मैं आप सबका विनम्र अभिनंदन करता हूँ।

राजनाथ ने कहा कि वे सीना चौड़ा कर चीन पर चर्चा करने को तैयार हैं।

लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के बाद चंद्रयान-3 की सफलता पर चर्चा हुई। मिशन को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने सदन को बताया। तब राजनाथ सिंह बोलने के लिए खड़े हुए।

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने राजनाथ से पूछा कि क्या उनके पास चीन पर चर्चा करने की हिम्मत है या नहीं। जवाब में राजनाथ सिंह ने कहा कि पूरी हिम्मत है, मैं सीना चौड़ा करके चीन पर चर्चा करने को तैयार हूं।

चौथे दिन विशेष सत्र की तस्वीर..।

 

बिल के पक्ष में लोकसभा में 454 वोट और विपक्ष में सिर्फ 2 वोट पड़े।
बिल के पक्ष में लोकसभा में 454 वोट और विपक्ष में सिर्फ 2 वोट पड़े।
लोकसभा में बिल पर बहस करते हुए छह सौ सांसदों ने अपनी राय दी। राहुल गांधी ने कहा कि OBC आरक्षण इस बिल में नहीं है। अमित शाह ने कहा कि SC और ST में समान रूप से यह आरक्षण लागू होगा। चुनाव के तुरंत बाद जनगणना और डिलिमिटेशन होंगे, जिससे महिलाओं की सदन में भागीदारी बढ़ेगी। विरोध करने से जल्दी रिजर्वेशन नहीं होगा। पूरी खबर पढ़ें

19 सितंबर, नवस्थापित संसद के पहले दिन, महिला आरक्षण बिल, यानी नारी शक्ति वंदन विधेयक, लोकसभा में पेश किया गया। इस बिल के अनुसार, राज्यों और लोकसभाओं में महिलाओं के लिए ३३ प्रतिशत आरक्षण लागू होगा।

लोकसभा की 543 सीटों में से 181 महिलाओं को दी जाएगी। ये रिजर्वेशन १५ वर्ष तक चलेगा। इसके बाद संसद चाहे तो इसकी अवधि बढ़ा सकती है। यह आरक्षण सीधे चुने जाने वाले जनप्रतिनिधियों के लिए लागू होगा। यानी यह राज्यसभा और राज्यों की विधान परिषदों पर लागू नहीं होगा।

परिसीमन के बाद ही लागू होगा बिल
नए विधेयक में सबसे बड़ा पेंच यह है कि यह डीलिमिटेशन यानी परिसीमन के बाद ही लागू होगा। परिसीमन इस विधेयक के पास होने के बाद होने वाली जनगणना के आधार पर होगा। 2024 में होने वाले आम चुनावों से पहले जनगणना और परिसीमन करीब-करीब असंभव है।

इस फॉर्मूले के मुताबिक विधानसभा और लोकसभा चुनाव समय पर हुए तो इस बार महिला आरक्षण लागू नहीं होगा। यह 2029 के लोकसभा चुनाव या इससे पहले के कुछ विधानसभा चुनावों से लागू हो सकता है।

तीन दशक से पेंडिंग था महिला आरक्षण बिल
संसद में महिलाओं के आरक्षण का प्रस्ताव करीब 3 दशक से पेंडिंग है। यह मुद्दा पहली बार 1974 में महिलाओं की स्थिति का आकलन करने वाली समिति ने उठाया था। 2010 में मनमोहन सरकार ने राज्यसभा में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण बिल को बहुमत से पारित करा लिया था।

तब सपा और राजद ने बिल का विरोध करते हुए तत्कालीन UPA सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी दे दी थी। इसके बाद बिल को लोकसभा में पेश नहीं किया गया। तभी से महिला आरक्षण बिल पेंडिंग था।

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4 प्रधानमंत्री, 11 कोशिशें, 27 साल: महिला आरक्षण विधेयक की पूरी राजनीतिक कहानी

पहली बार प्रस्तावित होने के 14 साल बाद महिला आरक्षण विधेयक राज्यसभा में पारित हो गया। उसके बाद से 13 साल हो गए, ये बिल लोकसभा में पास नहीं हो सका। अब 2023 में मोदी सरकार ने भी इसे लोकसभा में पेश कर दिया है। अगर ये पारित हो गया तो लोकसभा और विधानसभा चुनाव में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित हो जाएंगी। पढ़ें पूरी खबर…

महिला आरक्षण विधेयक से जुड़े 11 सवालों के जवाब

मोदी सरकार ने नए संसद भवन की पहली कार्यवाही में मंगलवार को ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ पेश किया। महिला आरक्षण पारित कराने के लिए पिछले 27 साल में मौजूदा सरकार समेत 4 सरकारों की ये 11वीं कोशिश है। ये बिल कैसे पारित होगा, कब से लागू होगा, कितने दिनों के

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