हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह को अधिक चुनौती मिलेगी: चंडीगढ़ पुलिस की चार्जशीट से पता चला कि महिला कोच से संबंध प्रोफेशनल से कहीं अधिक थे
हरियाणा में जूनियर महिला कोच से छेड़छाड़ मामले में राज्य मंत्री संदीप सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। चार्जशीट से पुलिस के पास उनके खिलाफ महत्वपूर्ण सबूत हैं। चार्जशीट स्पष्ट रूप से दिखाती है कि संदीप ने SIT को दिए गए बयान में कई बातें नहीं थीं। मंत्री ने पुलिस को बताया कि पीड़िता से उनके व्यक्तिगत संबंध नहीं थे, लेकिन जांच में पता चला कि उनके बीच संबंध काम से कहीं अधिक थे।
मंत्री ने पुलिस को बताया कि पीड़िता केवल पंद्रह मिनट तक उनके प्रधान कार्यालय के केबिन में थी। जब पुलिस ने पीड़िता को मंत्री के घर बुलाया, तो उसने मंत्री के मुख्य कार्यालय, साइड रूम, बेडरूम और बाथरूम की सही जगह बताई।
मंत्री के बयान और सबूतों में बहुत फर्क है
1. मंत्री ने पुलिस को बताया कि उसके पीड़िता से कोई व्यक्तिगत संबंध नहीं थे, जैसा कि रिश्ते प्रोफेशनल से कहीं आगे निकले चार्जशीट में बताया गया है। जांच से पता चला कि उनके बीच संबंध प्रोफेशनल संबंधों से कहीं आगे थे।
2. संदीप ने कहा कि हम ऑफिस में एकत्रित हुए थे, पीड़िता ने घर का हर कोना बताया
रिपोर्ट के अनुसार, मामले के बाद मंत्री ने पुलिस को बताया कि पीड़िता केवल उनके मुख्य कार्यालय के कैबिन में उनसे मिली थी, वह भी केवल 15 मिनट के लिए। पीड़िता ने शिकायत में बताया कि संदीप सिंह ने उसे एक कमरे में ले जाकर उसके साथ शारीरिक छेड़छाड़ की। वह पहले घर के वॉशरूम में भी गई थी। यही कारण है कि पीड़िता को पुलिस ने जांच के लिए मंत्री के घर बुलाया, तो उसने पहली बार मंत्री के मुख्य कार्यालय, साइड रूम, बेडरूम और बाथरूम की सही जगह बताई। चार्जशीट में कहा गया है कि वह मंत्री के घर पहुंची थी, जहां उससे छेड़छाड़ हुई, जबकि मंत्री ने बयानों में झूठ बोला था।
3. अप्वाइंटमेंट को लेकर दिए गए बयान भी गलत निकले; पीड़िता पर गलत नीयत थी: चार्जशीट में मंत्री संदीप सिंह ने पुलिस को बताया कि पीड़िता उनसे अप्वाइंटमेंट लेने आई थी। मंत्री ने जांच में स्वीकार किया कि पीड़िता ने अप्वॉइंटमेंट सोशल मीडिया पर ली थी। पुलिस ने फिर पूछा कि आम लोगों को मिलना हो तो सोशल मीडिया पर अपॉइंटमेंट लेते हैं या उनके ऑफिशियल स्टाफ से मिलते हैं। ऐसे में पुलिस जांच में पता चला कि मंत्री की पीड़िता को गलत दृष्टिकोण था।
4. विदेश भेजने वाली फाइल मंत्री को कैसे मिली, कोई उत्तर नहीं
पीड़िता का आरोप था कि उसे जानबूझकर विदेश में ट्रेनिंग लेने से रोका गया था। उसकी मंजूरी की फाइल स्पोर्ट्स विभाग के डायरेक्टर को भेजी जानी थी, लेकिन मंत्री संदीप को भेजी गई, जो इसे नकार दिया। चार्जशीट में बताया गया है कि इस पर पुलिस ने संदीप सिंह और खेल विभाग के उस समय के डायरेक्टर पंकज नैन के बयान भी लिए थे, लेकिन फाइल मंत्री तक कैसे पहुंची?।
16 सितंबर को चार्जशीट पर कोर्ट में सुनवाई होगी। केस में आरोप निर्धारित करने पर बहस होगी। महिला कोच के एडवोकेट दीपांशु बंसल ने कहा है कि चार्जशीट में रेप के प्रयास की धारा 376/511 पुलिस ने नहीं लगाई है, उसे जोड़ने को कोर्ट से अपील करेंगे।
पीड़िता ने सिर पर पट्टी बंधी फोटो परिचित को भेजी थी
कोच का मोबाइल सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (CFSL) में भेजा गया था। जांच में कुछ चैट्स व वॉइस रिकॉर्डिंग मिली, जिससे पता चला कि पीड़िता ने अपने साथ हुई घटना कुछ लोगों काे बताई थी। एक परिचित को 16 जुलाई 2022 को एक फोटो भेजी थी, जिसमें सिर पर पट्टी बंधी थी। पीड़िता ने बताया कि आरोपी से बचकर भागने लगी तो सिर टेबल से टकरा गया।
गिरफ्तारी के डर में अग्रिम जमानत याचिका
महिला कोच से छेड़छाड़ के मामले में फंसे राज्य मंत्री संदीप सिंह ने चंडीगढ़ डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है। इस पर कोर्ट ने पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिका पर 13 सितंबर को सुनवाई होगी।