10 सितंबर को एक शुभ संयोग: भादौ के रविवार को अजा एकादशी, सूर्य और विष्णु की पूजा से आरोग्य और सुख मिलता है

10 सितंबर को एक शुभ संयोग:

रविवार को कृष्ण जन्माष्टमी के दो दिन बाद पुत्रदा एकादशी है। इस दिन भाद्रपद महीने का रविवार होने से सूर्य का त्वष्टा रूप पूजा जाएगा। साथ ही एकादशी होने से भगवान विष्णु का व्रत और पूजा भी होगा। इसलिए ये दिन बहुत शुभ होंगे।

भादौ महीने की एकादशी को अजा एकादशी कहा जाता है, जिसमें भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। इस दिन भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की विशेष पूजा करने से जानबूझकर किए गए सभी पाप दूर हो जाते हैं। इस दिन श्रीकृष्ण की पूजा करने से लाभ होगा। महाभारत और विष्णु धर्मोत्तर पुराण में इसका जिक्र है।

यह विधान है कि अज एकादशी पर भगवान विष्णु के उपेंद्र रूप की पूजा की जाएगी। इस तिथि पर सूर्योदय से पहले उठकर नहाकर व्रत रखने का निश्चय करें। तुलसी और पीपल की पूजा करें। मंदिर जाकर श्रीकृष्ण या भगवान विष्णु का अभिषेक करें या घर में ही करें। दिन भर व्रत की व्यवस्थाओं का पालन करें। रात को तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक लगाकर भगवान को प्रसाद चढ़ाएं। फिर आवश्यक लोगों को दें।

दक्षिणावर्ती शंख में केसर मिलाकर दूध डालकर भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण के बाल रूप को अभिषेक करें। फिर सभी पूजन उपकरण चढ़ाकर पूजा करें।

भादौ महीने के रविवार को सूर्य पूजा बहुत पुण्यदायी होती है। क्योंकि सूर्य वर्तमान में अपनी ही राशि में है। इस योग में सूर्य को दिया गया अर्घ्य उम्र बढ़ाता है क्योंकि स्वराशि गत सूर्य है। सूर्य को इस दिन त्वष्टा रूप में पूजने से बीमारी भी दूर होती है। पुराणों में कहा गया है कि इस रूप में सूर्य बल और आरोग्य देते हैं।

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