IAS अधिकारी परमपाल कौर सिद्धू:पंजाब की आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार को बुधवार को बठिंडा लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार IAS परमपाल कौर सिद्धू ने चुनौती दी है। परमपाल ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह चुनाव लड़ेंगी और AAP सरकार चाहे जो भी करे।
2024 के लोकसभा चुनावों के तीन चरण पूरे हो चुके हैं। अब चार चरणों का चुनाव होगा। हालाँकि, पंजाब की बठिंडा सीट का चुनाव इस बीच दिलचस्प हो गया है। भाजपा ने IAS अधिकारी परमपाल कौर सिद्धू को टिकट दिया है। केंद्रीय कार्मिक विभाग ने सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। लेकिन पंजाब सरकार ने उन्हें तीन महीने का नोटिस पीरियड देने से इनकार कर दिया है और उन्हें अपने पद पर तुरंत बैठने को कहा है। परमपाल कौर सिद्धू अब आर या पार के मूड में हैं। उन्हें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई कर सकती है, लेकिन वे लोकसभा चुनाव में अवश्य भाग लेंगे।
क्या है पूरी बहस?
भाजपा ने आईएएस अधिकारी परमपाल कौर सिद्धू को पंजाब की बठिंडा लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। परमपाल कौर सिद्धू ने IAS पद से त्यागपत्र देते हुए तीन महीने की नोटिस अवधि की शर्त को माफ करने की मांग की थी। किंतु पंजाब सरकार ने उनका अनुरोध ठुकरा दिया है। सरकार ने कहा कि नोटिस की अवधि में छूट केवल राज्य सरकार को दी जा सकती है, और सिर्फ लिखित कारणों से संतुष्ट होने पर।
परमपाल कौर सिद्धू ने दिया जवाब
राज्य सरकार का उत्तर देते हुए, परमपाल कौर सिद्धू ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले ही उन्हें कार्यमुक्त कर दिया है। सिद्धू ने कहा कि पंजाब में एक जून को होने वाले लोकसभा चुनाव के बाद वह राज्य सरकार को अपनी प्रतिक्रिया देंगी। उनका कहना था कि AAP सरकार बस समय बर्बाद करना चाहती है। सिद्धू ने कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद मैं जो करना चाहती हूं वह कर सकती हूं।
राज्य सरकार ने काम पर लौटने का आदेश दिया
पंजाब सरकार ने परमपाल कौर सिद्धू को भेजे गए पत्र में कहा कि राज्य सरकार ने अभी भी आपके नियम 16(2) के तहत आवश्यक तीन महीने की नोटिस अवधि को माफ नहीं किया है और वीआरएस को स्वीकार करने के बारे में कोई आदेश नहीं जारी किया है। सरकार ने पत्र में कहा कि सिद्धू को सेवा से मुक्त या सेवानिवृत्त नहीं माना जा सकता है। वह अपने काम पर तुरंत वापस लौटना चाहिए, अन्यथा उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।