Inflation in Food: महंगे हुए अरहर और उड़द दाल, आलू-प्याज की कीमतों में उछाल से राहत नहीं
Inflation in Food: खाद्य वस्तुओं, खासकर साग-सब्जियों और दालों की कीमतों में उछाल के चलते, खाद्य महंगाई दर में वृद्धि हुई है।
Inflation in Food: आम लोगों को फिर से खाने पीने की महंगाई सताने लगी है। लोग पिछले एक वर्ष से दाल की कीमतों से परेशान हैं। लेकिन आलू, प्याज और अन्य साग-सब्जियों की कीमतें भी बढ़ी हैं। सरकारी आंकड़ें इसकी पुष्टि कर रहे हैं।
खाद्य महंगाई में उछाल
13 मई 2024 को जारी किया गया अप्रैल महीने का खुदरा महंगाई दर आंकड़ा बताता है कि खाद्य महंगाई दर मार्च के 8.52% से 8.70% पर जा पहुंची है। और इस दौरान साग-सब्जियों की कीमतों में तेज वृद्धि देखने को मिली है, जिससे दाल की कीमत भी बढ़ी है। 14 मई को जारी हुआ होलसेल महंगाई दर का आंकड़ा बताता है कि आलू, प्याज और अन्य सब्जियां पिछले साल से अधिक महंगी हुई हैं। बीते वर्ष के मुकाबले दालों की होलसेल भी बढ़ी है।
आलू-प्याज की लागत बढ़ी
डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स के अनुसार खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतें देखें, 13 मई 2024 को आलू की कीमत 28.84 रुपये प्रति किलो थी, जो एक साल पहले 13.64 रुपये प्रति किलो थी। एक साल में आलू की कीमत 46.84% बढ़ी है। एक साल पहले प्याज की कीमत 21.49 रुपये प्रति किलो थी, लेकिन अभी यह 31.71 रुपये प्रति किलो है। प्याज का मूल्य एक साल में 47.55 प्रतिशत बढ़ा है। साल पहले टमाटर की कीमत 22,95 रुपये प्रति किलो थी, लेकिन आज यह 32.43 रुपये प्रति किलो है। या एक वर्ष में 41.20% कीमतें बढ़ी है.
अरहर-उड़द दाल की मूल्यवृद्धि
बीते एक वर्ष में चावल की कीमतें भी बढ़ी हैं। 13 मई 2024 को चावल का मूल्य 38.57 रुपये प्रति किलो था, लेकिन अब 44.41 रुपये प्रति किलो है। चावल की कीमतें एक वर्ष में 15.13% बढ़ी हैं। गेहूं की कीमतें एक वर्ष में 6.23% बढ़ी हैं, जबकि एक साल पहले यह 28.73 रुपये प्रति किलो था। साल भर पहले अरहर दाल 118.52 रुपये प्रति किलो था, लेकिन आज 154.05 रुपये प्रति किलो है। अरहर दाल की कीमतें एक साल में लगभग 30 प्रतिशत बढ़ी हैं।साल भर में उड़द दाल की कीमत 14.93% बढ़ी है, जिसमें यह 108.64 रुपये प्रति किलो था। चीनी का मूल्य एक साल पहले 42.26 रुपये प्रति किलो था, लेकिन अब 5.15 प्रतिशत के उछाल के साथ 44.65 रुपये प्रति किलो है।
महंगाई ने चिंता बढ़ा दी है
केयरएज रेटिंग्स की चीफ इकोनॉमिस्ट रजनी सिन्हा ने कहा कि खाद्य सामग्री महंगी हो गई हैं। उनका कहना था कि सब्जियों और दाल की कीमतों में उच्च महंगाई चिंता का सबब है। रजनी सिन्हा ने कहा कि सामान्य मानसून के चलते खाद्य महंगाई का आउटलुक बेहतर नजर आ रहा है, लेकिन असमान मानसून और उसका वितरण महंगाई से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे। उनका कहना था कि ग्लोबल कमोडिटी प्राइसेज में उछाल के अलावा खाद्य महंगाई भी महंगाई को खतरा बना रही है।