Threat Panel: दागी अफसरों की हालत खराब है! यौन हिंसा: 10 दिनों में नया कानून बनाया जाएगा
Threat Panel
राजधानी में महिलाओं की रक्षा के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री आतिशी ने मुख्य सेक्रेटरी को पत्र लिखा है। उस नोट में, उन्होंने चीफ सेक्रेटरी को 10 दिन का समय देकर सभी सरकारी विभागों और निकायों में इंटरनल कंप्लेंट कमिटी को मजबूत करने के लिए नियमों का मसौदा बनाने का निर्देश दिया है।
महिला सुरक्षा पर आतिशी की बड़ी पहल, हाइलाइट्स ने नाबालिग से रेप के मामले में प्रमोदय खाखा की गिरफ्तारी के बाद शुरू की. ये पहल इंटरनल कंप्लेंट कमिटी को मजबूत करने के लिए हैं।
Attishy ने चीफ सेक्रेटरी को एक विशेष पत्र लिखा
Threat Panel Case: दिल्ली सरकार के दफ्तरों में काम करने वाली महिलाओं को सुरक्षित स्थान देने और यौन उत्पीड़न की शिकायतों पर प्रभावी कार्रवाई करने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री आतिशी मार्लेना ने एक नोट लिखकर कुछ महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर प्रेमोदय खाखा की गिरफ्तारी के बाद आतिशी ने यह कदम उठाया है।
Threat Panel Case: चीफ सेक्रेटरी को 10 दिन का समय दिया गया है. उन्होंने कहा कि सभी सरकारी विभागों और निकायों में इंटरनल कंप्लेंट कमिटी को मजबूत करने के लिए एक व्यापक प्रक्रिया और नियमों का मसौदा बनाया जाए। इसके अलावा, सरकारी कार्यालयों में यौन उत्पीड़न के मामलों से निपटने की पूरी प्रणाली को अधिक कुशल और प्रभावी बनाया जाए, ताकि गंभीर और संवेदनशील मामलों की जांच और कार्रवाई में कोई कमी न रहे और सिस्टम में कोई चूक न हो।
विशिष्ट विधि बनाने की आवश्यकता
उन्हें यह भी कहा कि सरकार के सभी विभागों और निकायों में यौन उत्पीड़न और धमकी देने की शिकायतों की पहचान करने के लिए एक प्रणाली बनाई जाए। आतिशी का मानना है कि इससे किसी व्यक्ति का महिलाओं के प्रति व्यवहार का पैटर्न पता चलता है। ऐसे मामले बाद में बहुत गंभीर अपराधिक घटनाओं का कारण बन सकते हैं अगर सही समय पर जांच न की जाए। इसलिए, महिलाओं के खिलाफ अपराध के ऐसे मामलों में शामिल अधिकारियों को संवेदनशील पदों से बाहर रखा जाना चाहिए और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, जो बार-बार यौन उत्पीड़न का पैटर्न रहा है।
Threat Panel आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार में विभागीय स्तर पर यौन उत्पीड़न से जुड़े मामलों से निपटने के लिए इंटरनल कंप्लेंट कमेटियां बनाई गई हैं, लेकिन उनका पर्याप्त प्रचार नहीं है। पीड़ित को खाखा के मामले में शिकायत दर्ज कराने के लिए भी एक स्थान से दूसरे स्थान पर भटकना पड़ा। उन्होंने कहा कि कमेटी के सदस्यों को आरोपी के पद से सीनियर होना चाहिए। खाखा मामले में इंटरनल कंप्लेंट कमिटी के सदस्यों ने आरोपी के सहकर्मी थे, उन्होंने कहा। ऐसे में शिकायतकर्ता उन पर भरोसा नहीं कर सकता था। आतिशी ने चीफ सेक्रेटरी को नई कमिटियों की गठन प्रक्रिया बनाने का निर्देश दिया है, जिससे उनके कामकाज को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाया जा सके।