Arwind Kejriwal: 26 जून को सीबीआई ने अरविंद केजरीवाल को कथित शराब नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किया था। दिल्ली हाईकोर्ट में केजरीवाल ने सीबीआई की गिरफ्तारी को चुनौती दी है।
Arwind Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने कथित शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में अंतरिम जमानत दे दी। जमानत मिलने के बाद भी केजरीवाल अभी जेल में ही रहेंगे, क्योंकि सीबीआई ने घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार के एक मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था।
मामले को जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने बड़ी बेंच को भेजा है। बड़ी बेंच ईडी की शक्ति, मनी लॉन्ड्रिंग प्रिवेशन एक्ट की धारा-19 के तहत गिरफ्तारी की आवश्यकताओं और ईडी द्वारा गिरफ्तारी नीति से संबंधित प्रश्नों पर विचार करेगी।
अब तक हुआ क्या: 21 मार्च को ED द्वारा की गई गिरफ्तारी की वैधता को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया। 15 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर ED से जवाब मांगा। आम आदमी पार्टी (आप) अध्यक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली हाईकोर्ट के 9 अप्रैल के फैसले को चुनौती दी, जो उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखा गया था।
केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 25 तक बढ़ी: शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत ने अरविंद केजरीवाल को कथित शराब नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में 25 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में रखा। सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है। स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने केजरीवाल को एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रस्तुत किया।
शीर्ष अदालत की प्रतिक्रिया
1. निर्वाचित नेता अरविंद केजरीवाल 90 दिन से अधिक समय से जेल में हैं।
2. यह केजरीवाल पर निर्भर है कि वह तय करें कि उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में बने रहना चाहिए या नहीं।
3. गिरफ्तारी का मुद्दा बड़ी पीठ को सौंपा गया क्योंकि यह जीवन के अधिकार से संबंधित था।
जमानत की आवश्यकताएं
1. जमानत अवधि के दौरान दिल्ली सचिवालय या अपने कार्यालय में नहीं जाएंगे
2. मुख्यमंत्री केवल बहुत जरूरी होने पर ही किसी आधिकारिक फाइल पर हस्ताक्षर करेंगे।
ED को भी नसीहत
- ईडी को कोई भी अनुचित छूट या सीमा देना कानून के शासन और लोगों के जीवन और स्वतंत्रता के संवैधानिक मूल्यों के लिए हानिकारक होगा
- किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी के लिए उसे ‘विश्वास योग्य कारण’ बताना जरूरी है, ताकि गिरफ्तार व्यक्ति हिरासत को चुनौती दे सके
- अधिकारी को गिरफ्तार व्यक्ति को दोषमुक्त करने वाली अन्य बातें भी देखनी चाहिए।
- पीएमएलए की धारा 19(1) के तहत गिरफ्तारी की शक्ति का प्रयोग अधिकारी की मर्जी और पसंद के अनुसार नहीं हो सकता
26 जून को सीबीआई ने किया गिरफ्तार
26 जून को सीबीआई ने भी अरविंद केजरीवाल को कथित शराब नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किया था। दिल्ली हाईकोर्ट में केजरीवाल ने सीबीआई की गिरफ्तारी को चुनौती दी है।