एमओपीएसडब्ल्यू 16 जुलाई को ‘राष्ट्रीय समुद्री और जलमार्ग परिवहन समिति’ की बैठक की मेजबानी करेगा
एमओपीएसडब्ल्यू: समिति का उद्देश्य देश भर में समुद्री और जलमार्ग परिवहन का व्यापक विकास सुनिश्चित करना है
एमओपीएसडब्ल्यू: बैठक में राज्य-विशिष्ट समुद्री और जलमार्ग परिवहन मास्टर प्लान की तैयारी, समुद्री क्षेत्र की नीतियों का निर्माण, हरित पहल, जलमार्ग विकास, क्रूज पर्यटन, शहरी जल परिवहन, प्रकाश स्तंभों के विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा
पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय (एमओपीएसडब्ल्यू) 16 जुलाई 2024 को सुबह 10:00 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय समुद्री और जलमार्ग परिवहन समितियों (एसएमडब्ल्यूटीसी) की बैठक आयोजित करेगा। इसकी अध्यक्षता एमओपीएसडब्ल्यू के सचिव श्री टीके रामचंद्रन करेंगे।
इस समिति का उद्देश्य पूरे भारत में समुद्री और जलमार्ग परिवहन के व्यापक विकास को सुनिश्चित करना है, ताकि शेष राज्यों को भी इसमें शामिल किया जा सके। बैठक में राज्य-विशिष्ट समुद्री और जलमार्ग परिवहन मास्टर प्लान की तैयारी, समुद्री क्षेत्र की नीतियों का निर्माण, हरित पहल, जलमार्ग विकास, क्रूज पर्यटन, शहरी जल परिवहन और प्रकाश स्तंभों (लाइटहाउस) के विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय ने जलमार्ग परिवहन क्षेत्र के प्रबंधन और एकीकरण के लिए एकीकृत दृष्टिकोण की आवश्यकता को समझते हुए प्रत्येक राज्य के भीतर विभिन्न पहलों और योजनाओं के समन्वय के लिए एसएमडब्ल्यूटीसी की स्थापना की है। ये समितियां समुद्री और जलमार्ग क्षेत्र में प्रयासों को मजबूत करने और केंद्रित नेतृत्व प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। प्रत्येक एसएमडब्ल्यूटीसी का नेतृत्व मुख्य सचिव या अपर मुख्य सचिव करेंगे और इसमें प्रमुख बंदरगाहों, समुद्री बोर्डों, राज्य पीडब्ल्यूडी, अंतर्देशीय जलमार्ग, पर्यटन विभाग, मत्स्य पालन विभाग, रेलवे, एनएचएआई, सीमा शुल्क आदि के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
वर्तमान में, आंध्र प्रदेश, मिजोरम, हिमाचल प्रदेश, नागालैंड, पुदुचेरी, राजस्थान, बिहार, असम, गोवा, केरल, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और लक्षद्वीप सहित 13 राज्यों में एसएमडब्ल्यूटीसी का गठन किया गया है और इन्हें भारत के सभी 30 तटीय और जलमार्ग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्थापित करने की योजना है।
इस बैठक के एजेंडे में पहले से गठित एसएमडब्ल्यूटीसी द्वारा की गई प्रगति की समीक्षा, विभिन्न राज्यों के सामने आने वाली समस्याओं पर चर्चा के साथ-साथ सागरमाला कार्यक्रम के कार्यान्वयन, लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (एनएमएचसी) के निर्माण, रो-रो/रो-पैक्स/फेरी/शहरी जल परिवहन में अवसर, सागरमाला जहाज निर्माण क्लस्टर, अंतर्देशीय जलमार्गों के लिए हरित नौका योजना, कार्गो वर्धन योजना, तटीय और नदी क्रूज पर्यटन के लिए राज्यों के साथ समझौता ज्ञापन और राज्य अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन के लिए समर्थन शामिल हैं।
एसएमडब्ल्यूटीसी के अध्यक्ष के रूप में मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव अपने-अपने राज्यों में प्रगति, एसएमडब्ल्यूटीसी की पहलों, राज्य-विशिष्ट मुद्दों और मंत्रालय से अपेक्षित मदद पर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे, जिसका उद्देश्य प्रगति की समीक्षा करना, मुद्दों का समाधान करना और भारत में समुद्री तथा जलमार्ग परिवहन को बढ़ाने के लिए सहयोगी समाधानों को बढ़ावा देना है।
Source: https://pib.gov.in/