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All India Institute of Ayurveda ने प्रत्यक्ष शल्य-चिकित्सकीय प्रदर्शनों के साथ ‘सौश्रुतम् 2024’ का सफलतापूर्वक आयोजन किया

All India Institute of Ayurveda (AIIA)

All India Institute of Ayurveda (एआईआईए) नई दिल्ली में शल्य तंत्र विभाग ने सुश्रुत जयंती-2024 के शुभ अवसर पर द्वितीय राष्ट्रीय संगोष्ठी सौश्रुतम् शल्य संगोष्ठी का सफलतापूर्वक आयोजन किया। शल्य चिकित्सा के जनक माने जाने वाले महान चिकित्सक सुश्रुत के सम्मान में हर साल 15 जुलाई को सुश्रुत जयंती मनाई जाती है। संगोष्ठी 13 जुलाई को आरंभ हुई थी, जो आज संपन्न हो गई।

एम्स भोपाल के संस्थापक निदेशक प्रोफेसर संदीप कुमार उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि थे। पद्मश्री प्रोफेसर मनोरंजन साहू, संस्थापक निदेशक एआईआईए दिल्ली; प्रोफेसर अनुराग श्रीवास्तव, पूर्व विभागाध्यक्ष शल्य चिकित्सा विषय, एम्स नई दिल्ली और डॉ एमसी मिश्रा, पूर्व निदेशक एम्स मुख्य अतिथि थे। एआईआईए निदेशक प्रो. (डॉ.) तनुजा नेसरी, शल्यतंत्र विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. योगेश बडवे ने सभी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया तथा संगोष्ठी के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में डीन पीजी प्रो. आनंद मोरे तथा एआईआईए के अन्य वरिष्ठ संकाय सदस्य भी उपस्थित थे।

पहले दो दिनों में,  25 प्रत्यक्ष जटिल शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया गया। इस प्रत्यक्ष प्रदर्शन से प्रतिभागियों को प्रसिद्ध शल्य चिकित्सकों द्वारा अपनाई जाने वाली विभिन्न शल्य चिकित्सा तकनीकों को देखने तथा सीखने का अवसर मिला। प्रत्यक्ष शल्य चिकित्सा कार्यशालाओं के दौरान भगंदर (फिस्टुला-इन-एनो), अर्श (बवासीर), पिलोनिडल साइनस, पित्ताशय की पथरी, हार्निया आदि के रोगियों पर वीएएएफटी, लेप्रोस्कोपी तथा लेजर जैसी नई तकनीकों तथा पारंपरिक शल्य विधियों का उपयोग करके ऑपरेशन किए गए। पिछले एक वर्ष में, एआईआईए की शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं के माध्यम से लगभग 1500 रोगियों को लाभ मिला है।

एआईआईए निदेशक प्रो. तनुजा नेसरी ने सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों के साथ पहले दिन विभाग से संबंधित एक स्मारिका तथा आईईसी सामग्री का विमोचन किया।

प्रो. तनुजा नेसारी ने कहा, “अपनी स्थापना के बाद से ही, एआईआईए आयुर्वेद को वैश्विक स्तर पर आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। शल्य तंत्र विभाग द्वारा आयोजित सौश्रुतम् आयुर्वेद को अत्याधुनिक शल्य चिकित्सा तकनीक के साथ एकीकृत करने, इच्छुक आयुर्वेदिक शल्य चिकित्सकों को एकीकृत शल्य चिकित्सा पद्धतियों में उन्नत कौशल और आत्मविश्वास के साथ सशक्त बनाने के प्रति हमारे समर्पण का उदाहरण है।”

राष्ट्रीय संगोष्ठी के तीसरे दिन की शुरुआत सुश्रुत पूजन समारोह से हुई, जिसके बाद एक शोध पत्र प्रस्तुति प्रतियोगिता हुई। कार्यक्रम का समापन एक समारोह के साथ हुआ, जिसमें शोध पत्र प्रस्तुति प्रतियोगिता के लिए पुरस्कार वितरित किए गए और धन्यवाद ज्ञापन किया गया।

All India Institute of Ayurveda ने प्रत्यक्ष शल्य-चिकित्सकीय प्रदर्शनों के साथ 'सौश्रुतम् 2024' का सफलतापूर्वक आयोजन किया

शल्य तंत्र के विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) योगेश बडवे ने सौश्रुतम् टीम के समर्पण की सराहना करते हुए कहा, “सौश्रुतम् 2024 को हर स्तर पर एक सफल मंच बनाने के लिए अपनी पेशेवर प्रतिबद्धता के बावजूद,  टीम सौश्रुतम् ने बहुत उत्साह से कार्यक्रम का आयोजन किया और इसके आयोजन के लिए अथक परिश्रम किया है।”

कार्यक्रम के लिए 160 से अधिक प्रतिभागियों ने अपना पंजीकरण कराया, जिनमें भारत के विभिन्न भागों से पीजी/पीएचडी विद्वान, रेजिडेंट डॉक्टर, सर्जन और संकाय सदस्य शामिल थे। इस संगोष्ठी में अखिल भारतीय विशेषज्ञों ने भाग लिया, जिसमें प्रो. (डॉ.) लक्ष्मण सिंह, प्रोफेसर और पूर्व विभागाध्यक्ष शल्य तंत्र, आईएमएस, बीएचयू, वाराणसी;  प्रो. (डॉ.) हेमंग कुमार भट्टाचार्य सर्जरी विभाग, एम्स, नई दिल्ली;  प्रो. (डॉ.) पी. हेमंत कुमार प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष शल्य तंत्र, एनआईए, जयपुर;  डॉ. बिजेंद्र शाह, विभागाध्यक्ष, शल्य तंत्र विभाग, आयुर्वेद परिसर और शिक्षण अस्पताल, चिकित्सा संस्थान (आईओएम) त्रिभुवन विश्वविद्यालय, काठमांडू, नेपाल प्रमुख रूप से शामिल हुए।

source: https://pib.gov.in/

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