भारत

PM Modi: नई दिल्ली में सीआईआई द्वारा आयोजित बजट उपरांत सम्मेलन में प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ

PM Modi: CII के प्रेसिडेंट श्री संजीव पुरी जी, यहां उपस्थित इंडस्ट्री के सभी दिग्गज साथी, सीनियर डिप्लोमेट्स, VC के द्वारा देश के अलग-अलग कोने से हमारे साथ जुड़े हुए उद्योग और व्यापार जगत के सभी साथी, अन्य सभी महानुभाव, देवियों और सज्जनों!

अगर युवाओं की सभा होती तो मैं शुरू करता- How is the Josh? लेकिन लगता है ये भी सही जगह है। और जब मेरे देश में इस प्रकार से जीवन के हर क्षेत्र में स्थिरता प्राप्त किए हुए व्यक्ति जोश से भरे हुए हो तो मेरा देश कभी पीछे नहीं हट सकता। आपने मुझे इस कार्यक्रम में निमंत्रित किया, मैं CII का ह्दय से आभार व्यक्त करता हूं। मुझे याद है, pandemic के समय आप और हम चर्चा कर रहे थे, आप में से भी बहुत लोगों के याद होगा। और चर्चा के केंद्र में विषय रहता था- Getting Growth Back, उसी के इर्द-गिर्द हमारी चर्चा रहती थी। और तब मैंने आपसे कहा था कि भारत बहुत ही जल्द विकास के पथ पर दौड़ेगा। और आज भारत किस ऊंचाई पर है? आज भारत, 8 परसेंट की रफ्तार से ग्रो कर रहा है। आज हम सभी discuss कर रहे हैं- Journey Towards Viksit Bharat. ये बदलाव सिर्फ sentiments का नहीं है, ये बदलाव confidence का है। आज भारत, दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत है, और वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकॉनॉमिक पावर बन जाएगा। मैं जिस बिरादरी से आता हूं, उस बिरादरी की एक पहचान बन गई है कि चुनाव के पहले जो बातें करते हैं, चुनाव के बाद भुला देते हैं। लेकिन मैं उस बिरादारी में अपवाद हूं, और इसलिए मैं आपको याद कराता हूं कि मैंने कहा था कि मेरे तीसरे टर्म में देश तीसरे नंबर की इकॉनॉमी बनेगा। भारत बहुत सधे हुए कदमों से लगातार आगे बढ़ रहा है।

जब 2014 में आप सबने हमें देश की सेवा करने का अवसर दिया, 2014 में जब हमारी सरकार बनी तो सबसे बड़ा प्रश्न यही था कि economy को वापस पटरी पर कैसे लाएं? 2014 के पहले की फ्रैजाइल फाइव वाली स्थिति और लाखों करोड़ के घोटालों के बारे में यहां हर किसी को पता है। हमारी इकॉनॉमी की क्या स्थिति थी, इसकी बारीकियां सरकार ने व्हाइट पेपर जारी करके देश के सामने रखी हैं। मैं उसके विस्तार में नहीं जाऊंगा, लेकिन मैं आपसे अपेक्षा करता हूं कि आप जैसे लोग, आप जैसे संगठन उस पर जरूर अध्ययन करें, आपके यहां debate करें कि हम कहां खड़े थे और कैसी बीमारियों के शिकार हो गए थे। भारत और भारत की इंडस्ट्री को उस महासंकट से निकालकर हम इस ऊंचाई पर लाए हैं। अभी कुछ दिन पहले ही बजट आया है, और मैं देख रहा था एक अच्छा document आपका बना है, मैं अभी-अभी देख रहा था, मैं जरूर अध्ययन करूंगा उसका। और जो बजट अभी-अभी आया है, आप भी बजट की चर्चाओं में अभी भी व्यस्त है तब बजट से जुड़े ही कुछ फैक्ट्स मैं आज आपके सामने रखना चाहूंगा।।

2013-14 में जब पिछली सरकार का आखिरी बजट आया था, डॉ. मनमोहन सिंह जी की सरकार का लास्ट बजट वो 16 लाख करोड़ रुपए का था। आज हमारी सरकार में ये बजट तीन गुना बढ़कर 48 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया है। Capital Expenditure, जिसे resource investment का सबसे बड़ा productive माध्यम कहा जाता है, और उसका आंकड़ा बहुत ही interesting है। 2004 जब अटल जी की सरकार गई। 2004 में UPA सरकार की शुरूआत हुई और UPA सरकार के पहले बजट में Capital Expenditure करीब 90 हजार करोड़ रुपए था। 10 साल सरकार चलाने के बाद यानि 2014 में, UPA सरकार का 10वां वर्ष था, अपने Capital Expenditure का बजट 2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा पाई थी, यानि 90 thousand करोड़ से 2 lakh crore। और आज कैपेक्स 11 लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा है। यानि 2004-2014 के 10th year में कैपेक्स किसी तरह दोगुने पर पहुंचा था। जबकि हमारी सरकार में कैपेक्स 5 गुना से ज्यादा बढ़ा है। और आप अलग-अलग सेक्टर्स को देखेंगे, तो भी आपको सटीक अंदाजा मिलेगा कि आज भारत किस तरह हर सेक्टर की इकॉनॉमी पर फोकस कर रहा है। पहले की सरकार के 10 साल की तुलना में हमारी सरकार ने रेलवे का बजट 8 गुना बढ़ाया है, हाईवेज का बजट 8 गुना बढ़ाया है, एग्रीकल्चर का बजट 4 गुना से ज्यादा बढ़ाया है, और डिफेंस का बजट 2 गुने से अधिक बढ़ाया है।

हर सेक्टर में बजट में ये रिकॉर्ड बढ़ोतरी, और साथ-साथ टैक्स में रिकॉर्ड कटौती करने के बाद की गई है। 2014 में 1 करोड़ रुपए कमाने वाली MSMEs को Presumptive Tax देना होता था 1 करोड़। अब 3 करोड़ रुपए तक की आय वाली MSME भी इसका लाभ उठा सकती हैं। 2014 में 50 करोड़ तक कमाने वाली MSMEs को 30 परसेंट टैक्स देना होता था। आज ये रेट 22 परसेंट है। 2014 में कंपनियां 30 परसेंट कॉरपोरेट टैक्स देती थीं, आज 400 करोड़ रुपए तक की आय वाली कंपनियों के लिए ये रेट 25 परसेंट है।

बात सिर्फ बजट एलोकेशन बढ़ाने या टैक्स कम करने की ही नहीं है। बात गुड गवर्नेंस की भी है। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। अब जैसे कोई कमज़ोर व्यक्ति होता है, जिसका वजन कम हो लेकिन उसके शरीर में किसी बीमारी के कारण सूजन आए और पहले की तुलना में जरा कपड़े छोटे होने लग जाए लेकिन क्या उसको हम healthy कहेंगे क्या? वो तंदुरूस्त है ऐसा मानेंगे क्या? वो देखने में भले ही बहुत स्वस्थ लगे लेकिन हकीकत में तो वो कमज़ोर होता ही है। 2014 से पहले के बजट का भी ऐसा ही हाल था। तब बजट में बड़ी-बड़ी घोषणाएं इसलिए की जाती थीं कि ये दिखाया जा सके कि अर्थव्यवस्था की सेहत अच्छी है। लेकिन सच्चाई ये थी कि बजट में जो घोषणाएं होती थीं, वो भी जमीन पर पूरी तरह नहीं उतर पाती थीं। ये लोग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए तय की गई राशि को भी पूरी तरह खर्च नहीं कर पाते थे। जब घोषित करते थे तो headline लेते थे। शेयर मार्केट में भी शायद थोड़ा दिखाई देता होगा। योजनाओं को तय समय पर पूरा करने पर भी पहले की सरकारों का कोई जोर नहीं था। हमने 10 वर्षों में इस स्थिति को बदला है। हमारी सरकार जिस स्पीड और स्केल इसके साथ इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर रही है, आप सब उसके गवाह हैं, ये अभूतपूर्व है।

आज हम जिस दुनिया में रह रहे हैं, वह बहुत सारी अनिश्चितताओं से भरी हुई है। और ऐसी दुनिया में भारत जैसी growth और stability होना, exception है। ऐसी अनिश्चितता के समय में भी भारत के Foreign Exchange Reserves में अच्छी-खासी वृद्धि हुई है। आज जब सारे देश Low Growth या High Inflation से जूझ रहे हैं। उन परिस्थितियों में भारत High Growth और Low Inflation वाला इकलौता देश है। इतनी बड़ी महामारी के बावजूद, भारत का Fiscal Prudence पूरी दुनिया के लिए रोल मॉडल है। Global Good and Services Exports में भारत का Contribution लगातार बढ़ रहा है। Global Growth में आज भारत का शेयर 16 परसेंट हो गया है। और आप ध्यान दीजिए, भारत ने ये ग्रोथ तब हासिल करके दिखाई है, जब पिछले 10 साल में इकॉनॉमी को झटका देने वाले अनेक संकट आए, हमारे कार्यकाल में ये भी एक मुसीबत रही। 100 साल की सबसे बड़ी pandemic, दुनिया के अलग-अलग देशों में युद्ध की स्थिति, भारत में बड़ी-बड़ी प्राकृतिक आपदाएं- कभी साइक्लोन, कभी सूखा, कभी भूकंप। हमने हर संकट का मुकाबला किया, हर चुनौती का समाधान किया। अगर ये संकट न आते तो, भारत जहां आज पहुंचा है, उससे भी कहीं अधिक ऊंचाई पर होता और ये मेरा विश्वास, मेरे अनुभव के आधार पर मैं कह रहा हूं।

आज देश, विकसित भारत के संकल्प को लेकर चल रहा है। बीते 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। हम देश के नागरिकों की Ease Of Living पर फोकस कर रहे हैं, हम देश के नागरिकों की Quality of Life पर फोकस कर रहे हैं।

इंडस्ट्री 4.0 को ध्यान में रखते हुए हमारा बहुत अधिक फोकस स्किल डेवपलपमेंट और इम्प्लायमेंट पर हमने केंद्रित किया है। आज देश के युवाओं में एक मिजाज बना है कि अपने दम पर कुछ करके दिखाना है। इसमें मुद्रा योजना हो, स्टार्ट अप इंडिया अभियान हो, स्टैंड अप इंडिया हो, युवाओं की बहुत मदद कर रही हैं। मुद्रा योजना से मदद लेकर 8 करोड़ से ज्यादा साथियों ने पहली बार कोई बिजनेस शुरु किया है। देश में आज करीब 1 लाख 40 हजार स्टार्ट अप्स हैं। और इनमें लाखों युवा काम कर रहे हैं, नए-नए साहस कर रहे हैं। इस बजट में भी जिस दो लाख करोड़ रुपए के पीएम पैकेज की घोषणा हुई है, चारों तरफ उसकी वाहा-वाही हो रही है, खूब प्रशंसा हो रही है। इसका सीधा लाभ 4 करोड़ से अधिक युवाओं को मिलेगा। ये पीएम पैकेज, holistic और comprehensive है। ये टुकड़ों में नहीं है, ये inter-linked है, end to end एक solution है। इसका विजन स्पष्ट है, भारत की मैनपावर globally competitive हो, भारत का product globally competitive हो, और सिर्फ क्वालिटी ही नहीं, बल्कि वैल्यू की द़ृष्टि से भी वो competitive हो। हमारे युवाओं की स्किल बढ़े, उनका एक्सपोजर बढ़े, उन्हें आसानी से रोजगार मिले, इसके लिए हम इंटर्नशिप स्कीम लेकर आए हैं। इम्प्लायमेंट जनरेशन करने वाले आप जैसे जो लोग हैं, उनको लार्ज स्केल पर incentive मिले, इसका भी हमने ध्यान रखा है। इसलिए ही सरकार ने EPFO contribution में incentives की घोषणा की हैं।

हमारी सरकार का intent और commitment एकदम साफ है। हमारे डायरेक्शन में कोई डायवर्जन नहीं है। चाहे नेशन फर्स्ट, ये हमारा commitment हो, चाहे 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनॉमी का संकल्प हो, चाहे saturation approach को हम achieve करने का इरादा लेकर चले हो, चाहे zero effect zero defect की बात हो, चाहे आत्मनिर्भर भारत का हमारा दृढ़ संकल्प हो, चाहे विकसित भारत के विराट संकल्प के लिए हमारी लंबी दौड़ हो। हम इसके लिए पूरे फोकस के साथ काम कर रहे हैं। हम योजनाओं को निरंतर विस्तार देते हैं, उनकी प्रोग्रेस की समीक्षा करते हैं। आप सरकार की अप्रोच, विकास के प्रति हमारे कमिटमेंट को भलीभांति जानते हैं। हम हर बार, नए mile-stone गढ़ रहे हैं। इसलिए, industry से भी मेरी यही अपेक्षा है कि वो सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए सरकार के साथ स्पर्धा करें, सरकार को भी पीछे रखकर जीत हासिल करें ये मेरी आपसे अपेक्षा है। पीएम पैकेज की घोषणाएं, ये हम दोनों, चाहे सरकार हो या इंडस्ट्री, इसे हमें साझा दायित्व के रूप में तेज गति से आगे बढाना है। मुझे आप पर पूरा भरोसा है।

इस बार के बजट का एक और पहलू है जो विकसित भारत की हमारी journey को ताकत देगा। ये विषय है- मैन्युफैक्चरिंग। आप सभी ने देखा है कि 10 साल में भारत का मैन्युफेक्चरिंग इकोसिस्टम कैसे transform हुआ है। हमने Make In India जैसा महत्वाकांक्षी अभियान शुरु किया, हमने अनेक सेक्टर्स में FDI नियमों को सरल किया। हमने Multi-modal Logistics Park बनाए, 14 सेक्टर्स के लिए PLI Scheme लॉन्च की। ऐसे निर्णयों ने मैन्युफेक्चरिंग सेक्टर का आत्मविश्वास नई ऊंचाई पर पहुंचाया है। अब इस बजट में देश के 100 बड़े शहरों के पास Investment-Ready “Plug And Play” Industrial Parks बनाने की घोषणा हुई है। ये 100 शहर विकसित भारत के नए ग्रोथ हब बनेंगे। सरकार मौजूदा industrial corridors का भी आधुनिकीकरण करेगी। हमारा बहुत बड़ा फोकस, MSMEs पर भी है। इससे करोड़ों लोगों को रोजगार मिलता है। सरकार ने MSME को सुविधाएं देने के साथ ही उनकी चुनौतियों को एड्रेस किया है। MSMEs को जरूरी Working Capital और CREDIT मिले, उनके compliance burden और taxes कम हों, उनकी market excess और संभावनाएं बेहतर हों, MSMEs का formalisation हो, इसके लिए 2014 से ही हमने लगातार काम किया है। इस बजट में भी MSME के लिए नई क्रेडिट गारंटी स्कीम लॉन्च की गई है।

जब बजट आता है तो उसके बाद अक्सर चर्चा कुछ प्रमुख बातों के इर्द-गिर्द ही सिमट जाती है। और ज्यादातर तत्कालीन चर्चा media driven होती है, और वो भी एजेंडा के तहत driven होती है। जब शांत वातावरण होता है तब जाकर के स्थितियों की तरफ नजर गहराई से जाती है। कई बार संबंधित इंडस्ट्री या फिर एक्सपर्ट्स उनका भी थोड़ा बहुत ध्यान जाता है, उसकी बात करते भी हैं। लेकिन बजट की ऐसी बातें मुझे लगता है कि हर क्षेत्र में बार-बार दोहराना जरूरी है, micro level पर भी उसका analysis जरूरी है। अब जैसे बजट में न्यूक्लियर पावर जेनरेशन के लिए एलोकेशन बढ़ाया गया है। हम कृषि में भी Digital Public Infrastructure बनाने जा रहे हैं। हम किसानों को जमीनों के नंबर देने के लिए भू-आधार कार्ड भी देने जा रहे हैं। स्पेस इकॉनॉमी के लिए भी 1000 करोड़ रुपये के वेंचर-कैपिटल की व्यवस्था की गई है। बजट में Critical Mineral Mission की भी घोषणा की गई है। हम जल्द ही Mining के Off-shore Blocks के पहले चरण की नीलामी शुरू करने वाले हैं। ये सारे ऐलान प्रगति के नए रास्ते खोलेंगे, नए अवसर बनाएंगे।

आज जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकॉनॉमी बनने वाला है, तो नए सेक्टर्स में भी संभावनाएं बन रही हैं। विशेष रूप से हमारे सनराइज सेक्टर्स में। आप जानते हैं, टेक्नोलॉजी ही वर्तमान है, टेक्नोलॉजी ही फ्यूचर है। आज जो भी देश semiconductor value chain में अपनी जगह बनाएगा, वो भविष्य में बड़ी भूमिका में रहेगा। और इसीलिए हम भारत में इस इंडस्ट्री को आगे बढ़ा रहे हैं। इसी तरह हम इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को भी encourage कर रहे हैं। आज Mobile Manufacturing Revolution का दौर है। एक जमाने में जो भारत, मोबाइल फोन्स का इंपोर्टर था, वो आज दुनिया के Top मोबाइल manufacturer और exporter में स्थान ले चुका है। भारत में हमने Green Jobs Sector के लिए एक बहुत बड़ा रोडमैप तैयार किया है। हम ग्रीन हाइड्रोजन, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, ऐसे अनेक सेक्टर्स को आगे बढ़ा रहे हैं। पीएम सूर्यघर योजना इतनी बड़ी योजना है, इतने vendors की जरूरत है, और सरकार एक-एक घर को 75 हजार रूपये देने वाली है। ये अपने आप में एक बहुत बड़ा revolution होने वाला है। इस बजट में क्लीन एनर्जी के लिए उठाए गए कदमों की खूब चर्चा हो रही है। आज के दौर में energy security और energy transition दोनों ही economy और ecology के लिए इतने ही महत्वपूर्ण हैं। लेकिन इसके साथ ही हम small nuclear reactors पर भी काम कर रहे हैं। इससे ना सिर्फ energy access के रूप में industry को लाभ होगा, बल्कि इस सेक्टर से जुड़ी पूरी सप्लाई चेन को भी बिजनेस की नई संभावनाएं मिलेंगी। हमारी industries और entrepreneurs ने हमेशा देश के विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। मुझे विश्वास है कि मैंने जिन भी सनराइज सेक्टर्स का जिक्र किया है, उन सभी में आप भारत को ग्लोबल प्लेयर बनाने वाले हैं। और ये मेरे लिए ग्लोबल प्लेयर शब्द भर नहीं है जी…मैं साफ मानता हूं मेरा देश ग्लोबल प्लेयर बनेगा।

हमारी सरकार के पास राजनीतिक इच्छाशक्ति की कोई कमी नहीं है, और उससे तो आप भी परिचित है। हमारे लिए देश और देशवासियों की आकांक्षाएं, उनके aspirations ये हमारे लिए सर्वोपरि हैं। मैं इंडस्ट्री को, भारत के प्राइवेट सेक्टर को भी, विकसित भारत बनाने का एक सशक्त माध्यम मानता हूं। मैं आप जैसे साथियों को, wealth creators को भारत की ग्रोथ स्टोरी का प्रमुख ड्राइविंग फोर्स मानता हूं। और मैं लाल किले से भी गर्व के साथ इसका जिक्र करने में संकोच नहीं करता हूं।

पूरी दुनिया की नजर आज भारत पर है, आप सब पर है। आज भारत की नीति, भारत की निष्ठा, भारत का निश्चय, भारत के निर्णय और भारत में हो रहा निवेश पूरे विश्व की प्रगति का आधार बन रहा है। दुनिया भर के investors यहां आने के लिए लालायित हैं। World Leaders भारत को लेकर positivity से भरे हुए हैं। ये भारत की इंडस्ट्री के लिए बेहतरीन मौका है, ये गोल्डन चांस है। हमें इस मौके को गंवाना नहीं है। मैंने नीति आयोग की बैठक में भी अभी जब मुख्यमंत्रियों से मीटिंग हुई तो मैंने उनसे कहा है कि इन्वेस्टर फ्रेंडली चार्टर तैयार करें हर राज्य। राज्यों के बीच एक healthy competition हो, investment को आकर्षित करने के लिए। और मैं नहीं चाहता हूं कि मेरे देश का एक भी राज्य पीछे रह जाए। निवेश के लिए नीतियों में और स्पष्टता लाएं, बेहतर माहौल बनाएं, good governance का अहसास हर कदम पर होना चाहिए ताकि निवेशक, देश के हर राज्य में जा सकें।

मैं गत 10 वर्ष के अनुभव के आधार पर और विश्व की स्थितियों को बारीकी से जानने के बाद मैं पूरे विश्वास के साथ कहता हूं कि देश जब आज़ादी की शताब्दी मनाएगा, भारत की आज़ादी के जब 100 साल होंगे, वो शताब्दी हम विकसित भारत के रूप में मनाएंगे। हम गरीब देश के रूप में आजाद हुए थे, हम लुट चुके थे। दुनिया में जो कोई भी लूटना चाहता था, लूट रहा था, आखिरी moment तक लूटे गए थे, और फिर हमने हमारी यात्रा शुरू की थी। 100 साल के भीतर-भीतर सारे अवरोधों को पार करते हुए, संकल्पों को चरितार्थ करते हुए शताब्दी विकसित भारत की मनाकर के ही रहेंगे। हम रहे ना रहे, हमारी पीढ़ियां आने वाली विकसित भारत को गर्व से जिये, ये सपने लेकर चल रहे हैं। आइए हम सब मिलकर आगे बढ़े, अपने भारत को विकसित बनाएँ और इस संकल्प को सिद्धि पर ले जाने के लिए जीवन में आपको अपने पास ईश्वर ने जो भी दिया है उसका उत्तम से उत्तम हम समाज को, देश को फिर से अर्पित करें। इसी एक भावना के साथ आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

बहुत-बहुत धन्यवाद!

source: https://pib.gov.in

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