VK Saxena: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने निजामुद्दीन क्षेत्र में मलबे, गाद और कीचड़ से भरे नालों की जांच की। एलजी ने बाद में एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “जमीनी हकीकत भयावह और शर्मनाक है।”
VK Saxena: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने निजामुद्दीन क्षेत्र में मलबे, गाद और कीचड़ से भरे नालों की जांच की। उन्होंने बताया, नालों की हालत भयावह थी। उन्होंने एक्स पर लिखा था कि जमीनी हकीकत भयावह और शर्मनाक है। बाढ़ को कम करने के लिए जल निकास सुनिश्चित करने के लिए तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए। दिल्ली में एलजी के इस कदम पर सियासत गर्म है।
घटना खत्म होने के बाद पहुंचे एलजी
आम आदमी पार्टी ने उपराज्यपाल के बारापुला, कुशक और सुनहरी नालों के दौरे पर बताया कि एलजी घटना का महत्व समाप्त होने के बाद आए हैं। शहरी विकास मंत्री ने चिल्लाकर मुख्य सचिव को डीसिल्टिंग की रिपोर्ट देने को कहा, तब वे कहां थे? हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को डीसिल्टिंग की वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए तीसरे पक्ष से जांच कराने का आदेश दिया था, लेकिन मुख्य सचिव ने इस आदेश को भी नजरअंदाज कर दिया।
एलजी, मुख्य सचिव नरेश कुमार के खिलाफ कार्रवाई करो
AAP ने आगे कहा कि शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मुख्य सचिव से गाद से भरे नालों की सूची मांगी, लेकिन उन्होंने इसे भी नजरअंदाज कर दिया। उपराज्यपाल को अभी भी मुख्य सचिव नरेश कुमार के खिलाफ कार्रवाई करें, अन्यथा शेष सब सिर्फ फोटो सेशन है। मुख्य सचिव ने चुनी हुई सरकार के प्रति उनका कोई दायित्व नहीं बताया, हाईकोर्ट का हवाला देकर और आदर्श आचार संहिता लागू करने का बहाना देकर।
केवल दिखावा कर रहे हैं एलजी
आम आदमी पार्टी का कहना है कि अब जब मानसून लगभग खत्म हो गया है, एलजी सिर्फ दिखावा करने और गंदी राजनीति करने के लिए आए हैं। बेहतर होता कि मुख्य सचिव, पीडब्ल्यूडी सचिव और डीसिल्टिंग नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते।