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69000 शिक्षक भर्ती में भी भ्रष्टाचार, Akhilesh Yadav ने HC के निर्णय पर BJP को घेरा

Akhilesh Yadav:-

Akhilesh Yadav: इलाहाबाद हाईकोर्ट की एकमात्र बेंच ने पांच जनवरी 2022 की 6800 उम्मीदवारों की चयन सूची को खारिज कर दिया। कोर्ट ने फैसला दिया कि शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में आरक्षण पाने वाले विद्यार्थियों को सामान्य श्रेणी का कट ऑफ मार्क्स मिलने पर अनारक्षित वर्ग में रखा जाना सही है।

शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 69 हजार शिक्षक भर्ती के आदेश का स्वागत किया। साथ ही, उन्होंने योगी सरकार और बीजेपी पर कड़ा हमला बोला। अखिलेश यादव ने कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती भी भाजपा के घोटालों, घोटालों और भ्रष्टाचार का परिणाम था।

पार्टी प्रमुख ने कहा कि हम चाहते हैं कि पूरी तरह से नई लिस्ट बनाई जाए, ताकि पारदर्शी और निष्पक्ष नियुक्तियां हो सकें और प्रदेश में भाजपा के शासनकाल में बाधित हुई शिक्षा-व्यवस्था फिर से पटरी पर आ सके। उन्होंने कहा कि हम नई सूची पर लगातार निगाह रखेंगे और किसी भी अभ्यर्थी के साथ कोई अन्याय नहीं होना सुनिश्चित करने के लिए एक-दूसरे के साथ काम करेंगे।

 इलाहाबाद हाईकोर्ट का निर्णय क्या है?

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश में सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा (एटीआरई) में 69000 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जून 2020 में जारी की गई चयन सूची और पांच जनवरी 2022 में जारी की गई 6800 अभ्यर्थियों की चयन सूची को नए सिरे से बनाने का आदेश दिया है। उससे पहले, एकमात्र बेंच ने पांच जनवरी 2022 की 69000 उम्मीदवारों की चयन सूची पर पुनर्विचार करने के साथ-साथ 6800 उम्मीदवारों की चयन सूची को खारिज कर दिया था।

विद्यार्थियों की पढ़ाई पर बुरा असर न पड़े

महेंद्र पाल और अन्य द्वारा एकल बेंच के आदेश के खिलाफ दायर की गयी 90 स्पेशल अपीलों को न्यायमूर्ति ए आर मसूदी और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की पीठ ने नई सूची बनाने का आदेश दिया। पीठ ने कहा कि नई चयन सूची बनाते समय अगर वर्तमान में कार्यरत किसी सहायक शिक्षक पर विपरीत असर पड़ता है तो मौजूदा सत्र का लाभ दिया जाए ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई पर बुरा असर न पड़े।

कोर्ट ने निर्णय सुरक्षित रखा था

मामले की सुनवाई पूरी करके हाईकोर्ट ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया। 13 अगस्त को पीठ ने अपना निर्णय सुनाया था, लेकिन शुक्रवार को उसकी प्रतिलिपि वेबसाइट पर उपलब्ध कराई गई। पीठ ने इस मामले में 13 मार्च 2023 के एकल बेंच के आदेश को संशोधित करते हुए यह भी निर्णय लिया कि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी को सामान्य श्रेणी में ही स्थान मिलेगा।

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