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Delhi AAP: अब कोई गलत नहीं होगी; AAP के बागी नेता ने खाई कसम, केजरीवाल से मांगी माफी

Delhi AAP: एमसीडी में मेयर और डिप्टी मेयर चुनावों में आम आदमी पार्टी से अलग होने के कारण निलंबित किए गए नेता विजय कुमार ने माफी मांगी है। कहा कि भविष्य में कभी ऐसी गलती नहीं होगी।

Delhi AAP: राजनीतिक मोर्चे पर आम आदमी पार्टी को कानूनी संकट से राहत मिली है। विधानसभा चुनाव से पहले, पार्टी से बाहर निकले हुए एक नेता ने माफी मांगी है और अपने जीवन भर साथ रहने का वादा किया है। एमसीडी में डिप्टी मेयर पद का दावा ठोकने के कारण निलंबित किए गए विजय कुमार ने माफी मांगी है और कहा कि वह अब कभी नेतृत्व के खिलाफ नहीं जाएंगे। आम आदमी पार्टी ने अभी तक नहीं बताया है कि विजय कुमार को माफी दी जाएगी।

त्रिलोकपुरी के वार्ड 192 से पार्षद विजय कुमार ने पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और अन्य नेताओं से माफी मांगी है और वादा किया है कि वह आम आदमी पार्टी के साथ जीवन भर रहेंगे। बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की शपथ लेते हुए विजय कुमार ने एक वीडियो पोस्ट किया है।

विजय कुमार ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, “मैं आम आदमी पार्टी का था, हूँ और रहूंगा। मैं अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, दुर्गेश पाठक और आतिशी को अपनी गलतियों के लिए माफी मांगता हूँ। इसके अलावा, मैं अपने बड़े भाई कुलदीप कुमार से माफी मांगता हूँ। आम आदमी पार्टी के सभी सदस्य हैं। दिल्ली के लोकप्रिय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की दुर्दशा में हम सभी उनके साथ खड़े हैं।’

विजय कुमार ने एक वीडियो भी पोस्ट किया है जिसमें वह कहते हैं, ‘मैं बाबा साहब की कसम खाता हूं कि जो मुझसे गलती हुई है, मैं शीर्ष नेतृत्व से माफी मांगता हूं.’ भविष्य में कोई गलती नहीं होगी। मैं आम आदमी पार्टी के सदस्य रहेगा। शीर्ष नेतृत्व मुझे विश्वास दिलाता है कि मैं कभी उनके खिलाफ नहीं जाऊंगा।’

15 जून को विजय कुमार को आम आदमी पार्टी ने पार्टी विरोधी कार्यों में शामिल होने के कारण निलंबित कर दिया था। वह लगातार पार्टी के खिलाफ बोलते थे। वह बागी नेता नितिन त्यागी के साथ तालमेल कर रहे थे। इस साल अप्रैल में ही उन्होंने पार्टी में विद्रोह की घोषणा की। एमसीडी में प्रस्तावित चुनाव के दौरान विजय कुमार ने डिप्टी मेयर पद पर दावा ठोक दिया। विजय कुमार को मनाने की काफी कोशिशें हुईं। लेकिन उन्होंने पार्टी की बात मानने से इनकार करते हुए कहा था कि उन पर दबाव ना बनाया जाए, वह चुनाव लड़कर रहेंगे।

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