Delhi MCD: दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी को अपने ही तीन पार्षदों के विरोध का सामना करना पड़ा। पार्षदों का कहना है कि जनता नाराज है क्योंकि मेयर ने उनके मुद्दों को अनदेखा किया है।
Delhi MCD: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के सदन की बैठक में बहुत हंगामा हुआ। सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) को विपक्ष के अलावा अपने ही तीन पार्षदों से विरोध झेलना पड़ा। पार्टी के पार्षदो ने कहा, “दिल्ली मेयर उन सभी मुद्दों पर आंख मूंद रहीं हैं, जिन्हें वे उठा रहे हैं। जनता इससे नाराज है। तीन पार्षद सदन में मेयर के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे: दिलशाद कालोनी की बहन प्रीति, मंगलापुरी के नरेंद्र कुमापर गिरसा और मोती नगर की अलका ढींगरा।
बहन प्रीति एमसीडी सदन के वेल के पास बैठकर एक तख्ती हाथ में पकड़े हुए थी, जिसपर लिखा था, ‘मेयर इंसाफ करो, मैं चुप नहीं रहूंगी, मेरी आवाज सुनो।उन्होंने कहा “मैं पिछले 20 साल से निगम से जुड़ा हूँ और मैंने इस तरह का शासन कभी नहीं देखा। वर्तमान शासन व्यवस्था से पार्षद ने अपनी निराशा व्यक्त की। प्रीति ने आप के टिकट पर चुनाव लड़ने से पहले तीन बार निर्दलीय पार्षद पद पर रह चुकी है। उनका कहना था कि सदन में जनहित के मुद्दे पहले उठते थे। अब शादी जैसा वातावरण है। समुदाय एकत्र होता है, गाता है, ताली बजाता है, खाता है, नारा लगाता है और फिर चला जाता है।’
सदन में चर्चा नहीं करना मेयर की गलती है
मंगलापुरी से आप पार्षद नरेंद्र कुमार गिरसा जिन्होंने पहले त्रिलोकपुरी से विजय कुमार के साथ डिप्टी मेयर पद के लिए नामांकन दाखिल किया था, ने कमिश्नर को लिखे पत्र दिखाए, जिसमें गाद निकालने और जलभराव पर कार्रवाई की मांग की गई थी। उन्होने कहा, ‘मॉनसून से पहले सदन में इन मुद्दों पर चर्चा सुनिश्चित करना आप की जिम्मेदारी है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.’ यह मेयर का अपराध है। विरोधी पक्ष भी उन्हें दोषी ठहराने में असफल रहा है। डेंगू के 400 से अधिक मामले हैं, लेकिन कोई चर्चा नहीं हुई। फॉगिंग शुरू नहीं हुई। अगर वे इस तरीके से एमसीडी पर शासन करना चाहते हैं, तो यह बिल्कुल भी शासन करने जैसा नहीं है।’
जनता हमसे नाराज हैं
वहीं, आप की तीसरी पार्षद अलका ढींगरा ने कहा कि मेयर समेत अधिकारी उन मुद्दों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं, जो वे उठाते हैं। उसने कहा, ‘इसलिए हमारे वार्ड के लोग हमसे बहुत नाराज हैं। इन समस्याओं को कई बार उठाने के बावजूद मेयर ने इनका कोई ध्यान नहीं दिया। फंड की कमी के कारण हम अकेले काम नहीं कर सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि पार्टी ने कमिश्नर से 75 लाख रुपये का निवेश मांगा था, लेकिन केवल 15 लाख रुपये मंजूर हुए।