Shani Pradosh Vrat 2024: भाद्रपद माह का पहला शनि प्रदोष व्रत कब है? जाने शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Shani Pradosh Vrat 2024:-
Shani Pradosh Vrat 2024: भाद्रपद महीने में आने वाला प्रदोष व्रत बहुत महत्वपूर्ण है। वास्तव में, यह माह गणेश पूजन के लिए विशेष फलदायी है। शनिवार भाद्रपद महीने में आने वाला पहला प्रदोष व्रत है। यही कारण है कि यह शनि प्रदोष व्रत होगा। आइए जानें भाद्रपद माह का पहला प्रदोष कब है और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है।
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। लेकिन कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि भाद्रपद महीने का पहला प्रदोष व्रत है। भाद्रपद के पहले प्रदोष व्रत पर भी कई शुभ अवसर बन रहे हैं। प्रदोष व्रत के दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा की जाती है। इस व्रत में प्रदोष काल में पूजा करना बहुत महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि इसे प्रदोष व्रत कहा जाता है। आइए जानते हैं भाद्रपद मास का पहला प्रदोष व्रत कब होगा।
भाद्रपद का पहला प्रदोष व्रत कब है?
31 अगस्त, शनिवार को भाद्रपद माह का पहला प्रदोष व्रत होगा। यही कारण है कि इसे शनिप्रदोष व्रत कहा जाएगा। वास्तव में, त्रयोदशी तिथि 30 तारीख को दो बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी और 31 तारीख को 3 बजकर 41 मिनट तक रहेगी। 31 तारीख को उदया काल में त्रयोदशी तिथि होने के कारण भाद्रपद माह का पहला शनि प्रदोष व्रत रखा जाएगा।
प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
शनि प्रदोष व्रत के दिन शाम में पांच बजे चौदह मिनट से सात बजे चौदह मिनट तक पूजा करने का सर्वोत्तम समय है। इस समय प्रदोष व्रत की पूजा करना सबसे अच्छा होगा।
प्रदोष व्रत पूजा विधि
- ज्योतिषाचार्यों द्वारा बताई गई प्रदोष व्रत की विधि के अनुसार, सुबह उठने के साथ ही आपका व्रत शुरु हो जाता है।
- इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के साथ अपने पूजा स्थल की अच्छे से साफ सफाई करें।
- शाम के पूजन से पहले पूजा की सभी तैयारी कर लें। इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमाओं को एक चौकी पर रखकर उनका अभिषेक करें।
- फिर कपड़े और फूल भगवान को अर्पित कर देसी घी का दीपक जलाएं। याद रखें कि कनेर के फूल, बेलपत्र के पत्ते और गुड़हल भी भगवान को चढ़ाएं। अंतिम भोजन में हलवा या खीर अवश्य शामिल करें।