Akhilesh Yadav: कांग्रेस से हरियाणा विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के लिए सीटों की मांग कर रहे अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया खाते पर एक पोस्ट कर सियासी हलचल को बढ़ा दिया है।
Akhilesh Yadav: हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी गलियारों में लगातार उत्साह देखने को मिल रहा है। कांग्रेस और बीजेपी की पहली लिस्ट जारी होने के बाद दोनों ही दलों में आंतरिक विवाद देखने को मिल रहा है। कांग्रेस से हरियाणा विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के लिए सीटों की मांग कर रहे अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर एक पोस्ट सियासी पारे को बढ़ा दिया है।
Akhilesh Yadav ने एक्स पर पोस्ट किया
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में, अखिलेश ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह इंडिया गठबंधन के साथ सहयोग करने को तैयार है। ‘इंडिया एलायंस’ हरियाणा चुनाव में एक नया इतिहास लिखने में सक्षम है। “बात सीट की नहीं जीत की है”, जैसा कि हमने कई बार कहा है और ऐसा ही करेंगे। “इंडिया एलायंस” की जो भी पार्टी हरियाणा के विकास और सौहार्द को बाधित करने वाली “भाजपा की नकारात्मक, साम्प्रदायिक, विभाजनकारी राजनीति” को हराने में सक्षम होगी, हम उसके साथ अपने संगठन और समर्थकों की शक्ति को जोड़ देंगे।
बात सिर्फ दो-चार सीटों पर प्रत्याशी उतारने की नहीं है; बल्कि, यह हरियाणा की जनता की पीड़ा को समझते हुए भाजपा की भ्रष्टाचारी राजनीति से छुटकारा पाने की है, जिससे हरियाणा का सच्चे विकास और जनता का कल्याण होगा। पिछले 10 सालों में भाजपा ने हरियाणा के विकास को बीसों साल पीछे ढकेल दिया है।
हम मानते हैं कि ये समय अपनी राजनीतिक संभावना खोजने का नहीं है, बल्कि त्याग और बलिदान का है. हमारे या इंडिया एलायंस के किसी भी दल के लिए। स्वार्थ को जनहित के परमार्थ मार्ग पर स्थान नहीं है। इतिहास में अपमान करने वाले लोगों का नाम कभी नहीं लिखा जा सकता। ऐसे लोगों की राजनीति को हराने का ये ऐतिहासिक अवसर है। हरियाणा को बचाने के लिए हम पूरी तरह से कुछ भी करने को तैयार हैं। इंडिया एलायंस की पुकार, जनहित में हो बदलाव।
सपा के हरियाणा चुनाव लड़ने की थी चर्चा
सियासी गलियारों में पहले चर्चा थी कि अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी भी हरियाणा चुनाव में उम्मीदवार उतार सकती है. हालांकि, अखिलेश यादव की पोस्ट के बाद स्पष्ट हो गया है कि फिलहाल एसपी इस चुनाव में नहीं भागेगी और इंडिया ब्लॉक को अपना समर्थन देंगे, लेकिन आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन नहीं होने की सूरत में अखिलेश किसे समर्थन देंगे, यह देखने वाली बात होगी