दिल्ली की CM Atishi ने कहा कि भाजपा की ‘‘गंदी राजनीति’’ राष्ट्रीय राजधानी में वायु और जल प्रदूषण में वृद्धि का कारण है। राष्ट्रीय राजधानी में सर्दियों की शुरुआत से वायु गुणवत्ता खराब होने लगी है।
दिल्ली की CM Atishi ने कहा कि भाजपा की ‘‘गंदी राजनीति’’ राष्ट्रीय राजधानी में वायु और जल प्रदूषण में वृद्धि का कारण है। राष्ट्रीय राजधानी में सर्दियों की शुरुआत से वायु गुणवत्ता खराब होने लगी है। यमुना नदी की सतह पर जहरीले रासायनिक झाग की मोटी परतें भी देखी गईं, खासकर कालिंदीकुंज में। आतिशी ने आम आदमी पार्टी (आप) के शासन वाले पंजाब को क्लीन चिट देते हुए दिल्ली में खराब वायु गुणवत्ता के लिए डीजल बसों, ईंट भट्ठों और पराली जलाने को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण का कारण उत्तर प्रदेश से गाजियाबाद सीमा पर कौशांबी बस डिपो तक पहुंचने वाली हजारों डीजल बसों, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में ईंट भट्ठे और क्षेत्र में मौजूद ताप संयंत्र हैं। मुख्यमंत्री ने भाजपा को घेरते हुए कहा कि दिल्ली में यमुना में दिखने वाले झाग औद्योगिक अपशिष्ट जल से हैं। उनका कहना था कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न नालों से 65 एमजीडी दूषित पानी यमुना में छोड़ा जाता है, जबकि हरियाणा के बादशाहपुर, मुंगेशपुर और अन्य नालों से प्रतिदिन 165 एमजीडी औद्योगिक अशोधित अपशिष्ट जल यमुना में छोड़ा जाता है।
आतिशी ने कहा, ‘‘भाजपा की गंदी राजनीति दिल्ली में बढ़ते वायु और जल प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है, लेकिन अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली ‘आप’ शहर के लोगों की मदद करने को प्रतिबद्ध है।’’संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के आंकड़ों से पता चलता है कि 2021 में पंजाब में 71,300 पराली जलाने की घटनाएं 36,600 रह गईं। आतिशी ने कहा, ‘‘इस साल भी, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के आंकड़ों से पता चलता है कि पंजाब में एक से 15 अक्टूबर के बीच पराली जलाने की घटनाओं में 27 प्रतिशत की कमी आई है, जो 2023 की 1105 घटनाओं से कम होकर 811 हो गई हैं।’’:”
उनका कहना था कि 1 अक्टूबर से 15 अक्टूबर के बीच हरियाणा में 341 से 417 पराली जलाने की घटनाएं हुईं, जबकि उत्तर प्रदेश में 244 से 417 हुईं। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट रूप से भाजपा की गंदी राजनीति को दर्शाता है।’’ भाजपा सरकार हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाना कम क्यों नहीं कर सकती अगर पंजाब सरकार ऐसा कर सकती है?आतिशी ने कहा कि यमुना की सतह पर झाग की परत को कम करने के लिए सिलिकॉन से बने “डिफोमर्स” का उपयोग किया जाएगा।