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CM Nayab Saini: भाजपा के दिग्गजों में सीएमओ में शामिल होने की होड़, किसी को मनोहर आशीर्वाद तो किसी को नायब आस

CM Nayab Saini: भाजपा की तीसरी बार हरियाणा की सरकार बनने के बाद अब मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में शामिल होने की मांग तेज हो गई है

हरियाणा में CM Nayab Saini सरकार का मंत्रिमंडल बन गया है। उसमें स्थान नहीं है। अब राजनीतिक सलाहकार का पद कैबिनेट मंत्री के बराबर है, इसलिए चुनाव हारने वाले वरिष्ठ नेताओं की नजर सीएमओ पर है।

भाजपा की तीसरी बार हरियाणा की सरकार बनने के बाद अब मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में शामिल होने की मांग तेज हो गई है। भाजपा के कई वरिष्ठ नेता इसे लेकर विवाद में हैं। नेताओं ने खुद को मजबूत बनाने के लिए चंडीगढ़ से दिल्ली तक आकाओं के दरबार में हाजिरी लगानी शुरू कर दी है। पूर्व मंत्री कंवरपाल गुर्जर, सुभाष सुधा और असीम गोयल विधानसभा चुनाव में दौड़ में हैं।

भाजपा के आठ मंत्री चुनाव में हारे हैं। इनमें कंवरपाल, सुभाष सुधा, असीम गोयल, जेपी दलाल, संजय सिंह, रणजीत चौटाला, अभय सिंह यादव और कमल गुप्ता हैं। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता भी पराजित हुए। भाजपा ने मंत्रिमंडल बनाया है और कोई भी पद खाली नहीं है।

अब सीएमओ में एंट्री हो सकती  है। इसके लिए विधायकों और हार गए भाजपा नेता भी लॉबिंग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय में ओएसडी और सीएम के राजनीतिक सलाहकार के पद खाली हैं। तीन पूर्व मंत्री कंवरपाल गुर्जर, सुभाष सुधा और असीम गोयल इन पदों के लिए चर्चा में हैं। सुधा और गोयल मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मित्र हैं, जबकि कंवरपाल मनोहर लाल का विश्वासपात्र है। वर्तमान सरकार में पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी को राजनीतिक सलाहकार बनाया गया था, जिसका पद कैबिनेट मंत्री के बराबर था।

ये नेता भी देख रहे हैं कि भाजपा में चुनाव हारने वाले बड़े नेताओं की संख्या अधिक होने से उन्हें व्यवस्थित करना मुश्किल है। पूर्ण बहुमत की सरकार होने से भाजपा विधायकों को भी चेयरमैनी मिलने की उम्मीद है। तीसरी बार विजेता नेता पूर्व मंत्री मूलचंद शर्मा को अभी कोई पद नहीं मिला है। पूर्व मंत्री कमल गुप्ता, कैप्टन अभिमन्यु, रामबिलास शर्मा, बनवारी लाल और ओमप्रकाश धनखड़ खुद को विकसित कर रहे हैं। लेकिन यह देखना है कि कौन इस दौड़ में आगे निकलता है और कौन पिछड़ जाता है।

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