भारत

मानवाधिकार दिवस के अवसर पर राज्य सभा के सभापति के संबोधन का मूल पाठ

मानवाधिकार दिवस: 10 दिसंबर 2024 को, हम 1948 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा अपनाए गए मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा की 76वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।

मानवाधिकार दिवस: माननीय सदस्यगण, आज, 10 दिसंबर 2024 को, हम 1948 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा अपनाए गए मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा की 76वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। यह दस्तावेज़ दुनिया भर में मानव सम्मान, समानता और न्याय के लिए आधारशिला है, जो जाति, लिंग, राष्ट्रीयता अथवा विश्वास के बावजूद सभी व्यक्तियों के अधिकारों की पुष्टि करता है। इसके 30 लेख स्वतंत्रता और समानता के लिए मानवता की साझा आकांक्षा को दर्शाते हैं।

माननीय सदस्यगण, इस वर्ष का विषय, “हमारे अधिकार, हमारा भविष्य, अभी,” अधिक शांतिपूर्ण, समतावादी, न्यायपूर्ण और दीर्घकालिक भविष्य के निर्माण में मानवाधिकारों की परिवर्तनकारी शक्ति पर बल देता है। मानवाधिकार हमें वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने और व्यक्तियों और समुदायों को सशक्त बनाने में मार्गदर्शन करते हैं। जैसा कि हम अब तक की गई प्रगति पर विचार करते हैं, हम इन अधिकारों की रक्षा और संवर्धन के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं।

भारत हमेशा इन सार्वभौमिक आदर्शों का गौरवशाली समर्थक रहा है। हजारों वर्षों के हमारे सभ्यतागत लोकाचार ने इन मूल्यों को पोषित करने और विकसित करने में मौलिक योगदान दिया है, जिसने अपने सभी नागरिकों के लिए सम्मान और समान अवसरों का जीवन सुनिश्चित करने की घोषणा की भावना को प्रतिध्वनित किया है। जनता के प्रतिनिधि के रूप में, हम यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी लेते हैं कि हमारे देश में न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के मूल्यों की रक्षा की जाए और उन्हें मजबूत बनाया जाए। हमारे संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ के महत्वपूर्ण अवसर पर, आइए हम एक ऐसे विश्व के लिए कार्य करने का संकल्प लें, जहाँ हर व्यक्ति सम्मान के साथ रह सके, उत्पीड़न से मुक्त हो और उसे अपनी क्षमता को पूर्ण करने के समान अवसर मिलें।

source: http://pib.gov.in

Related Articles

Back to top button