5 महीने से नौकरी नहीं मिली, अब सैलरी भी नहीं मिली..। मार्शल सेवाओं को समाप्त करने से मुख्यमंत्री केजरीवाल नाराज
5 महीने से नौकरी नहीं मिली, अब सैलरी भी नहीं मिली
परिवहन मंभी का निर्णय: अंतिम नोट में कहा गया है कि इस मामले में परिवहन मंत्री का निर्णय अंतिम माना जाएगा क्योंकि एलजी ने इस मामले में संविधान की धारा 239-A(4) को लागू नहीं किया है और न ही इसे राष्ट्रपति को रेफर किया है। उन्होंने परिवहन मंत्री से कहा कि मौजूदा कानूनों के तहत ट्रांसपोर्ट कमिश्नर आशीष कुंद्रा और वित्त विभाग के प्रधान सचिव आशीष चंद्र वर्मा को सस्पेंड करके दोनों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करें क्योंकि बस मार्शलों को सैलरी मिलने में इतनी देरी हो रही है।
होम गार्ड्स को जल्द ही तैनात करें; दोनों वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं, इसलिए राष्ट्रीय नगरीय नागरिक सेवा अथॉरिटी की अनुमति के बिना कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। सीएम ने परिवहन मंत्री को भी यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि दिवाली से पहले सभी बस मार्शलों को सैलरी दी जाए और होम गार्ड्स को जल्द से जल्द बसों में मार्शल के रूप में तैनात किया जाए। CM ने कहा कि सिर्फ मार्शलों की संख्या में कमी नहीं होनी चाहिए। वर्तमान बस मार्शलों को ही कंटीन्यू किया जाएगा जब तक कि होम गार्डों की भर्ती और नियुक्ति के बाद उनकी बस मार्शलों के रूप में तैनाती नहीं हो जाती।
काम को आगे कैसे लिया जाएगा?
इस मामले में एक पेंच यह है कि सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स की सेवाओं को नवंबर से समाप्त करने का आदेश जारी होने के बाद मार्शल्स के रूप में उनका काम कैसे चलेगा और वेतन कैसे मिलेगा? इसके अलावा, होम गार्ड की भर्ती के लिए लागू होने वाले नियम बहुत अलग हैं। ऐसे में सभी सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को होम गार्ड में भर्ती करने का क्या उपाय होगा? एलजी ऑफिस ने पहले ही बताया है कि 1 नवंबर से सभी सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स की सेवाएं समाप्त करने का प्रस्ताव सीएम ने भेजा था, जिसे एलजी ने मंजूरी दी थी।