राज्यमध्य प्रदेश

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव: तुलसी साहित्य और भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार को देना चाहिए बढ़ावा।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि तुलसी मानस प्रतिष्ठान से रामायण, तुलसी साहित्य और भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देना चाहिए।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने तुलसी मानस प्रतिष्ठान की प्रबंधकारिणी समिति की मानस भवन में हुई बैठक में मध्य प्रदेश के अध्यक्षता की। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस संस्था की गतिविधियों को और अधिक विस्तृत करने का सुझाव दिया और इसे लागू करने के लिए संबंधित लोगों को कहा।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, “प्रतिष्ठान से रामायण, तुलसी साहित्य और भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने चित्रकूट जैसे धार्मिक स्थान पर युवाओं और विद्वानों को एकजुट करने के लिए विशेष कार्यक्रमों का आयोजन करने पर जोर दिया।

बैठक में शामिल हुए कौन?

प्रबंधकारिणी समिति के कार्याध्यक्ष रघुनंदन शर्मा, संयोजक राजेन्द्र शर्मा, कोषाध्यक्ष विजय अग्रवाल, वरिष्ठ सदस्य सुरेश पचौरी और कैलाश जोशी, समिति के सदस्य और भोपाल के कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह भी बैठक में उपस्थित थे।

रामायण और तुलसी साहित्य पर मुख्यमंत्री मोहन यादव का विचार

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, “समाज के विभिन्न वर्गों को इस पहल से जोड़ा जाए, जिससे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक चेतना को मजबूती मिले।” तुलसी और रामायण को ऑनलाइन माध्यमों से भी अधिक लोगों तक पहुंचाएं। उन्होंने अगले कार्यक्रमों की योजना बनाने और जनता को इसमें शामिल करने के लिए रणनीति बनाने के निर्देश दिए।

भोपाल कलेक्टर को आदेश

बैठक में प्रतिष्ठान की गतिविधियों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सुझावों पर गहनता से चर्चा हुई। अध्यक्ष शर्मा ने मानस भवन के सामने न रोड को चौड़ा करने और हिंदी भवन, गांधी भवन और मानस भवन के बीच अवैध निर्माण को हटाने की मांग की। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भोपाल कलेक्टर को आवश्यक कार्रवाई करने का आदेश दिया।

सरकार शराबबंदी पर गंभीरता से विचार कर रही है: मुख्यमंत्री मोहन यादव

वे समिति को बताया कि सरकार राज्य में शराबबंदी पर गंभीर विचार कर रही है। प्रदेश में गीता के ज्ञान और हमारी संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए ‘गीता भवन’ बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. ने कहा, “हमारी सरकार पुण्यभूमि हरिद्वार जैसे प्रबंध अब महाकाल नगरी उज्जैन में भी कराने की ओर अग्रसर है। उज्जैन के सिंहस्थ मेला क्षेत्र में साधु-संतों, अखाड़ों और धर्मशालाओं को स्थायी प्रकृति के निर्माण कार्य करने की अनुमति दी गई है। इससे स्थायी आश्रम, मठ, धर्मशालाएं और सत्संग स्थान बनाए जा सकते हैं।”

कलेक्टर ने समिति को बताया कि भोपाल में भी गीता भवन स्मार्ट सिटी रोड पर टीटी नगर के पास लगभग एक एकड़ जमीन पर बनाया जाएगा। समिति के सदस्यों ने प्रतिष्ठान के विकास से जुड़े विभिन्न मुद्दों और कार्यों पर मुख्यमंत्री का ध्यान खींचा। मुख्यमंत्री ने सभी मुद्दों या सुझावों पर गंभीरता से विचार कर उन्हें जल्द ही लागू करने का वादा किया। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी तुलसी मानस प्रतिष्ठान की मासिक मुख पत्रिका तुलसी मानस भारती का विमोचन किया।

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