राज्यछत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय: आचार्य गुरुवर श्री विद्यासागरजी महाराज के प्रथम समाधि स्मृति महोत्सव को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित किया

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी उपस्थित में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में आचार्य गुरुवर श्री विद्यासागरजी महाराज का प्रथम समाधि स्मृति महोत्सव मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित किया।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में आचार्य गुरुवर श्री विद्यासागरजी महाराज के प्रथम समाधि स्मृति महोत्सव को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित किया और श्री 1008 सिद्धचक्र विधान विश्व शांति महायज्ञ में शामिल हुए। इस दौरान अमित शाह ने आचार्य श्री विद्यासागर जी की स्मृति में ₹100 का स्मारक सिक्का, ₹5 का डाक विभाग का विशेष लिफाफा, 108 चित्रों और चरण चिन्हों का लोकार्पण किया और प्रस्तावित समाधि स्मारक ‘विद्यायतन’ का शिलान्यास किया।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भले ही पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज भौतिक रुप से हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके उपदेश हमें युगों तक सही रास्ते पर चलने की प्रेरणा देते रहेंगे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया कि आचार्य जी ने धर्म की रक्षा और देश की मजबूती के लिए मीलों पैदल चले गए। आहार-विहार पर इतना नियंत्रण रखा कि सोचना भी आश्चर्यजनक है। उनका कहना था कि आचार्य जी ने अपने जीवन से करोड़ों लोगों को प्रेरणा दी। वे एक राष्ट्र संत थे और स्वदेशी के प्रति उनका गहरा अनुराग था। वे हमेशा कहते थे कि हमें अपनी सांस्कृतिक मूल्यों को कभी छोड़ना नहीं चाहिए। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ को संतों का आशीर्वाद सदा मिलता रहे।

यही नहीं, अमित शाह ने इस अवसर पर कहा कि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने एक नए विचार और नए युग का जन्म दिया। उनका कहना था कि कर्नाटक में जन्मे आचार्य गुरुवर श्री विद्यासागर जी महामुनिराज ने अपने कार्यों से भारत, उसकी संस्कृति, भाषाओं और उसकी पहचान को प्रदर्शित किया। अमित शाह ने कहा कि शायद ही किसी ऐसे धार्मिक संत को यह सम्मान मिला होगा, जिन्होंने विश्व भर में धर्म और देश की पहचान की व्याख्या की होगी। उनका कहना था कि आचार्य विद्यासागर जी का हर एक पल और जीवन धर्म, संस्कृति और राष्ट्र को समर्पित था।

अमित शाह ने कहा कि वे आचार्य श्री विद्यासागर जी से कई बार मिले थे. हर बार, आचार्य जी ने भारतीय भाषाओं का विकास, देश का गौरव दुनिया भर में फैलाना और देश की पहचान “इंडिया” की जगह “भारत” से होने पर जोर दिया। अमित शाह ने कहा कि मोदी ने विद्यासागर के विचारों को साकार करने के लिए जी-20 सम्मेलन के निमंत्रण पत्र पर “प्रधानमंत्री ऑफ भारत” लिखा। उनका कहना था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आचार्य जी के विचार को व्यवहार में उतारा और लोगों को उनके संदेश का अनुकरण करने के लिए प्रेरित किया।

छत्तीसगढ़ राज्य के उप-मुख्यमंत्री विजय शर्मा और पूज्य मुनि श्री समता सागर जी महाराज भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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