
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय: बस्तर के वीर आदिवासियों ने अंग्रेजों के शोषण और अन्याय के खिलाफ भूमकाल विद्रोह का बिगुल फूंका था।
भूमकाल स्मृति दिवस पर, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आदिवासी जननायक अमर शहीद गुंडाधुर को श्रद्धांजलि अर्पित की। उनका कहना था कि जल, जंगल और जमीन के अधिकारों की रक्षा के लिए अंग्रेजी सरकार के खिलाफ विद्रोह का आह्वान करने वाले गुंडाधुर का बलिदान इतिहास में हमेशा अमर रहेगा।
10 फरवरी 1910 को, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि बस्तर के वीर आदिवासियों ने अंग्रेजों के शोषण और अन्याय के खिलाफ भूमकाल विद्रोह का बिगुल फूंका था। आदिवासी जननायकों ने स्वतंत्रता की रक्षा करने के लिए इस संघर्ष में अपने जीवन की आहुति दी। थोड़े-से संसाधनों के बावजूद, अमर शहीद गुंडाधुर के नेतृत्व में हुए इस संघर्ष में बस्तर के रणबांकुरों ने अंग्रेजी शासन की दमनकारी नीतियों को चुनौती दी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि भूमकाल विद्रोह संपूर्ण देश के स्वाधीनता संग्राम का एक महत्वपूर्ण अध्याय था, न केवल छत्तीसगढ़ में। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि अमर शहीद गुंडाधुर आदिवासी की चेतना और स्वाभिमान के प्रतीक हैं। उनकी संघर्षगाथा हमें अन्याय, शोषण और अत्याचार के खिलाफ खड़े होने की प्रेरणा देती है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर घोषणा की कि गुंडाधुर ने हमारे स्वाभिमान और आत्मसम्मान को जगाया और भूमकाल दिवस उनकी स्मृति में हमें सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष करने की शक्ति देता रहेगा।
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