राज्यछत्तीसगढ़

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने किया एक महत्वपूर्ण दावा, क्यों हुई छत्तीसगढ़ निकाय चुनाव में कांग्रेस की ‘बुरी हालत’?

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कांग्रेस नेताओं को सलाह दी कि वे अपनी हार का दोष ईवीएम पर नहीं फोड़ें, बल्कि मूल कारणों पर विचार करें।

छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने बीजेपी की नगरीय निकाय चुनाव में जीत पर खुशी व्यक्त की। उनका दावा था कि बीजेपी ने निगम में 10 सीटें जीती हैं। कांग्रेस ने पूरी तरह से हार मान ली है और अब आत्मावलोकन करना चाहिए।

पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि राजधानी की 70 में से 60 सीटें बीजेपी ने जीती हैं। बीजेपी ने बिलासपुर में 70 में से 49 सीटें जीती हैं, यह राज्य भर में है। नगरपालिका के 49 क्षेत्रों में चुनाव हुए हैं। 49 में से 35 सीटों पर भाजपा का अध्यक्ष चुना गया है। साथ ही पार्षदों की संख्या बढ़ी है। बीजेपी ने 114 नगर पंचायतों में से 81 में जीत हासिल की है। बीजेपी ने 2,303 पार्षदों में से लगभग 1,900 जीते हैं।

“आपस में संघर्षरत कांग्रेस”

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा, “निश्चित तौर पर इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता कि इस चुनाव में कांग्रेस की बुरी हालत हुई है,। लेकिन छत्तीसगढ़ की जनता इसे पसंद कर रही है क्योंकि कांग्रेस के नेता आपस में लड़ रहे हैं।”

EVM पर भी जवाब

कांग्रेस द्वारा ईवीएम को मुद्दा बनाए जाने पर अरुण साव ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। “कांग्रेस के नेता वैसे तो हर मुद्दे पर संविधान की दुहाई देते हैं,। कहते हैं कि संविधान सबसे महत्वपूर्ण है। न्यायपालिका का अधिकार संविधान में है, लेकिन खेद है कि कांग्रेस के नेता सुप्रीम कोर्ट से कहते हैं कि ईवीएम में कोई गड़बड़ी नहीं है।”

कांग्रेस को निर्देश

कांग्रेस नेताओं को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा, “ये लोग अपनी हार का ठीकरा ईवीएम पर न फोड़े, बल्कि आत्मचिंतन करें और यह जानने की कोशिश करें कि आखिर किन कारणों से इस पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है।” उनका कहना था कि छत्तीसगढ़ की जनता ने कांग्रेस के विवादों का खामियाजा भुगत लिया है। ये लोग पांच साल तक शासन करते हुए लड़ते रहे और आज भी ही रहे हैं।”

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि कांग्रेस को जनहित से कोई सरोकार नहीं है। जनता के हितों से कोई संबंध नहीं है। यह पार्टी सिर्फ परिवार की सुरक्षा पर विचार करती है।

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