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दिल्लीवासियों की दिल की बात: दिवाली पर हर 3 में से एक परिवार पटाखे जलाना चाहता है

दिल्लीवासियों की दिल की बात: दिवाली पर हर 3 में से एक परिवार पटाखे जलाना चाहता है

दिल्ली-NCR में हर तीसरे परिवार दिवाली पर पटाखे जलाना चाहते हैं।पटाखों को कुछ लोग भूल चुके हैं। लोक सर्कल्स के सर्वे में यह दावा किया गया है। यह सर्वे बताता है कि अधिकांश लोगों का मानना है कि पराली जलाना और अन्य कारण प्रदूषण का कारण हैं। Delhi Government ने पटाखों को बेचने, रखने और जलाने पर पूरी तरह रोक लगा दी है। नवंबर के छह दिनों में चार दिनों में प्रदूषण बहुत अधिक रहा है। दिल्ली की तरह अभी भी उत्तर प्रदेश और हरियाणा में पटाखों पर प्रतिबंध नहीं है। पटाखों का रुख जानने के लिए स्थानीय सर्कल्स ने यह सर्वे किया। इस सर्वे में 9,000 लोग दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद से जुड़े।

दिल्लीवासियों की दिल की बात: दिवाली पर हर 3 में से एक परिवार पटाखे जलाना चाहता है

सर्वे में एक बड़ा खुलासा हुआ: सर्वे का पहला सवाल था कि दिवाली पर पटाखों को लेकर उनकी क्या योजना है? इस सवाल के जवाब में 43% ने कहा कि वे पटाखे नहीं जलाएंगे क्योंकि वे प्रदूषण करते हैं। 6 प्रतिशत ने बताया कि वे पटाखे नहीं जलाएंगे क्योंकि उनके शहर में यह बैन है। 13 प्रतिशत लोगों ने बताया कि वे पटाखे खरीदना चाहते हैं, लेकिन उनके शहर में पटाखे नहीं मिलते थे।

लोगों की भावनाओं को समझें

दिल्लीवासियों की दिल की बात: दिवाली पर हर 3 में से एक परिवार पटाखे जलाना चाहता है

6% ने बताया कि वे पटाखे जलाएंगे और दिल्ली में ही पटाखे खरीदेंगे। 13 प्रतिशत ने बताया कि वे पटाखे जलाएंगे और जानते हैं कि यह कैसे मिलेगा। सर्वे सदस्यों में से ३२ प्रतिशत पटाखे जलाना चाहते हैं। पिछले साल इसी सर्वे में प्रतिभागियों में से 39 प्रतिशत ने पटाखे जलाने की इच्छा व्यक्त की। सर्वे ने रिपोर्ट दी है कि पड़ोसी राज्यों में जल रही पराली से प्रदूषण बढ़ा है। पटाखे जलाने से यह बढ़ता है।

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