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Uttrakhand news: लोगों की आजीविका को बढ़ाने के लिए ये योजनाएं 500 वन पंचायतों में लागू होंगी।

Uttrakhand news: सरकार ने उत्तराखंड की 500 वन पंचायतों में ‘हर्बल मिशन’ को शुरू करने का लक्ष्य रखा है ताकि वन पंचायतों को अधिक सशक्त बनाया जा सके और स्थानीय लोगों को आजीविका से जोड़ा जा सके।

Uttrakhand news: उत्तराखंड सरकार ने वन पंचायतों को अधिक सशक्त बनाने और स्थानीय लोगों को आजीविका से जोड़ने के लिए बड़े कदम उठाने की योजना बनाई है। राज्य की 500 वन पंचायतों में ‘हर्बल मिशन’ को लागू करने का प्रयास किया जा रहा है। 628 करोड़ रुपये इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर खर्च किए जाएंगे। मिशन के तहत वन पंचायतों की जमीन पर जड़ी-बूटी और सगंध पादपों की खेती की जाएगी, जिससे ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा और वनों का संरक्षण होगा।

11,267 वन पंचायतें राज्य में हैं। इस योजना में पहले 500 वन पंचायतों को शामिल किया जाएगा। वन पंचायत अधिनियम और नियमावली को इसके लिए बदलना होगा। सरकार की तीन सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट शासन को दी है। इस प्रस्ताव को अब आगामी कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। इस योजना को अगले वित्तीय वर्ष में लागू किया जाएगा, जब इसे कैबिनेट से मंजूरी मिल जाएगी।

1980 वन अधिनियम लागू होने के बाद संबंधों में दरार

उत्तराखंड के लोगों और वनों के बीच एक अतीत था। ग्रामवासी अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के अलावा वनों का संरक्षण करते थे। लेकिन 1980 में वन अधिनियम लागू होने के बाद ये संबंध खत्म हो गए। वनों को सरकारी नियंत्रण में लाने से स्थानीय लोगों के पारंपरिक अधिकार सीमित हो गए, जिससे वन पंचायतों और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच अंतर बढ़ गया।

अब सरकार ने इस हालात को बदलने का प्रयास किया है। हर्बल मिशन स्थानीय लोगों को वनों से फिर से जुड़ाएगा। इसके तहत सगंधित और जड़ी-बूटी पौधों की खेती की अनुमति दी जाएगी, जिससे ग्रामीणों को धन मिलेगा। साथ ही, इन उत्पादों की निकासी और प्रसंस्करण के लिए भी वन पंचायतों को अधिकार दिया जाएगा।

वन पंचायतों को अधिकार मिलेंगे

हर्बल मिशन को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए वन पंचायत अधिनियम और नियमावली में बदलाव किया जाएगा। इसमें वन पंचायतों को जड़ी-बूटी और सगंध पादपों की खेती, प्रसंस्करण और बाजार तक पहुंच का अधिकार दिया जाएगा। इस प्रस्ताव को पहले भी कैबिनेट में रखा गया था, लेकिन कुछ समस्याएं थीं। उन्हें दूर करने के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की गई, जो अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी। अब इसे अंतिम रूप देकर कैबिनेट के पास भेजा जाएगा।

उत्तराखंड वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा, “वन पंचायतों में हर्बल मिशन के अंतर्गत कृषिकरण की अनुमति देने के लिए वन पंचायत अधिनियम व नियमावली में संशोधन की प्रक्रिया गतिमान है।” यह अभियान नए वित्तीय वर्ष में शुरू होगा। इसके पीछे उद्देश्य आम लोगों को वनों से जोड़ने, आजीविका के नए अवसर बनाने और वनों की सुरक्षा बढ़ाना है। इससे स्थानीय लोगों को पता चलेगा कि जंगल सरकारी नहीं हैं, अपने हैं।”

लोगों को इस योजना से काम मिलेगा

इस योजना के माध्यम से सरकार न केवल वन और लोगों के बीच की खाई को पाटने की कोशिश कर रही है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करने की कोशिश कर रही है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना को अगले कुछ महीनों में कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद कार्यान्वयन की प्रक्रिया तेज कर दी जाएगी। वन पंचायतों को धन मिलेगा। ग्रामीणों को नया पैसा मिलेगा। पुराने ज्ञान और नवीनतम तकनीक का एकीकरण होगा। वन संरक्षण बढ़ेगा। स्थानीय स्तर पर नौकरी के नए अवसर बनेंगे।

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