Shani Dev Ki Puja: शनिदेव को तेल चढ़ाने का सही तरीका जानें, इस मंत्र का जाप करें

Shani Dev Ki Puja: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनिवार को सूर्यास्त के बाद शनि देव की पूजा करने से उनकी कृपा मिलती है। इस दिन सरसों का तेल शनि देव को देने की परंपरा है। अब हम शनि देव को तेल अर्पित करते समय किन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए।
Shani Dev Ki Puja: ज्योतिष में शनि को न्याय, कर्म और दंड का अधिपति बताया जाता है। माना जाता है कि मनुष्य के बुरे कामों से शनिदेव असहज होते हैं, जिससे उसे साढ़ेसाती और ढैय्या जैसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। वहीं शनि देव की कृपा लोगों को मिलती है जो अच्छे काम करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनिवार को सूर्यास्त के बाद शनि देव की पूजा करने से उनकी कृपा मिलती है। इस दिन शनि देव को सरसों का तेल देने और पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाने की परंपरा है।
श्री शनिदेव को तेल चढ़ाने के नियम
शनि देव की पूजा करते समय नियमों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस दौरान आपकी जरा सी गलती आप पर भारी पड़ सकती है। यही कारण है कि लोहे के बर्तन से ही शनि देव को तेल देना चाहिए।
ध्यान देने के लिए सिर्फ सरसों या तिल का तेल प्रयोग करें क्योंकि माना जाता है कि जब शनि देव को कष्ट हुआ था, तब हनुमान जी ने उन्हें यही तेल लगाया था। तेल चढ़ाते समय शनि देव की आंखों में नहीं देखना चाहिए।
पूजा करते समय कोई संदेह या नकारात्मक विचार न रखें। साथ ही शुद्धता और शुद्धता का खास ध्यान रखें। “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करना शुभ है।
शनिदेव को जल चढ़ाने का महत्व
शनिवार को शनि देव पर सरसों या काले तिल का तेल चढ़ाने से जीवन में आने वाले संकट दूर होते हैं। यह भी साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव को कम करता है। नियमित रूप से शनि की पूजा करने वाले व्यक्ति को सफलता, समृद्धि और शनि देव का आशीर्वाद मिलता है।