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शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने दिल्ली में EWS कोटे से एडमिशन के लिए मांगे जा रहे हैं पैसे? पर करें ये काम 

शिक्षा मंत्री आशीष सूद: पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी है। साथ ही, उन्होंने कहा कि दाखिला के लिए पैसे मांगने पर अभिभावकों को उनके पास शिकायत करनी चाहिए।

दिल्ली में आर्थिक रूप से कमजोर (EWS) और वंचित वर्ग (DG) के बच्चों के लिए निजी स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया अभी भी जारी है। दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने स्पष्ट किया है कि अगर किसी अभिभावक को लगता है कि दस्तावेजों के सत्यापन में कोई गलती हुई है या किसी ने पैसे मांगने की कोशिश की है, तो वे सीधे अधिकारियों से शिकायत कर सकते हैं।

EWS कोटे के तहत शैक्षणिक सत्र 2025–26 के लिए दिल्ली सरकार ने हाल ही में दाखिले की प्रक्रिया शुरू की है। दो लाख से अधिक आवेदन आए थे, जिसमें से 44,045 बच्चों को “ड्रॉ ऑफ लॉट्स” में नामांकित किया गया था। इसके बाद, दस्तावेजों का सत्यापन 6 मार्च से शुरू हुआ।

दस्तावेजों का सत्यापन करने के लिए उपस्थित अभिभावक

10 मार्च तक 7042 अभिभावक ने अपने दस्तावेजों का सत्यापन करने के लिए आवेदन किया था। 6192 बच्चों के दस्तावेजों की जांच की गई और 4878 बच्चों को निजी स्कूलों में जगह दी गई। जिन बच्चों के दस्तावेजों में कोई कमी पाई गई है, उन्हें सुधारने के लिए सूचना दी गई है। 1291 अभ्यर्थियों को दस्तावेजों को पूरा करने का समय दिया गया है, जबकि चार उम्मीदवारों की उम्मीदवारी अनियमितता की पुष्टि होने पर रद्द कर दी गई है।

शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट चेतावनी दी

शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा, “यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से की जा रही है। अभिभावकों से उन्होंने कहा, “यदि कोई व्यक्ति EWS कोटे के तहत दाखिले के लिए पैसे मांगता है, तो इसकी तुरंत शिकायत करें।” शिक्षा मंत्री के कार्यालय में जाकर या सीधे उनसे संपर्क करके शिकायत की जा सकती है।

दस्तावेजों का सत्यापन कैसे हो रहा है?

शिक्षा निदेशालय के 29 क्षेत्रीय कार्यालयों में दस्तावेजों की जांच की जा रही है। प्रत्येक अभिभावक को अपने बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र और अन्य आवश्यक कागजात लेकर जाना होगा। कागजात पूरे और सही होने पर स्कूलों में सीटें तुरंत आवंटित की जाती हैं।

दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने 6 मार्च से 10 मार्च तक 7042 बच्चों के अभिभावकों के दस्तावेजों की जांच की, जिनमें से 6192 बच्चों के कागजात सही पाए गए और उन्हें स्कूलों में सीटें दी गईं।

रेखा गुप्ता सरकार का उद्देश्य

दिल्ली सरकार का कहना है कि उसका उद्देश्य है कि सभी गरीब और जरूरतमंद बच्चों को उच्च शिक्षा की सुविधा दी जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है।

शिक्षा मंत्री ने वादा किया कि दाखिला प्रक्रिया में धांधली नहीं होगी। भ्रष्टाचारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी अगर कोई अनियमितता पाई जाएगी।

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