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गुरुग्राम में फिर से जहरीली हवा, गले और आंखों के मरीज

गुरुग्राम में फिर से जहरीली हवा, गले और आंखों के मरीज

गुरुग्राम: मरीज सिविल हॉस्पिटल और शहर के अन्य हॉस्पिटलों में पानी पीने पर गले में चुभन, रोटी-सब्जी निगलने में दर्द और आवाज में भारीपन की शिकायतें देते हैं। सिविल हॉस्पिटल की एनटी ओपीडी में हर दिन 120 से 150 मरीज कान, नाक या गले की बीमारी के लिए आते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि लोगों का दिल भी मौसम बदलाव और प्रदूषण से प्रभावित हो रहा है।

हॉस्पिटल्स में सूजन, टॉन्सिल और गले में खराश के मरीजों की संख्या बढ़ी है। डॉ. शशांक वशिष्ठ, मणिपाल हॉस्पिटल के ईएनटी कंस्लटेंट, ने बताया कि सर्दियों और प्रदूषण से लोगों की सेहत प्रभावित होती है।

गुरुग्राम में फिर से जहरीली हवा, गले और आंखों के मरीज
गुरुग्राम में फिर से जहरीली हवा, गले और आंखों के मरीज

वर्तमान में लोगों को संक्रमण के साथ प्रदूषण से भी लड़ना पड़ रहा है, जो बीमारी को कुछ दिनों तक जीवित रखता है। ठीक समय पर दवा लेने से मरीज को पांच से सात दिन में गले में राहत मिलती है, लेकिन पूरी तरह से ठीक नहीं होता। ज्यादा प्रदूषण होने पर गले में दो से तीन सप्ताह या अधिक समय तक हल्की खरास और खिंचाव रहता है। मरीज जल्दी स्वस्थ होते हैं क्योंकि प्रदूषण कम होता है।

तेजी से ट्रांसमिशन होता है, सिविल हॉस्पिटल के ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ. शुगांशी गर्ग ने बताया। हर दिन लगभग 150 मरीज आ रहे हैं। इनमें से अधिकांश मरीज गले की समस्याओं को लेकर आते हैं। गले में सूजन और एलर्जी बहुत से मरीजों को होती है।

गुरुग्राम में फिर से जहरीली हवा, गले और आंखों के मरीज

आजकल अधिक प्रदूषण है, धूल और धुएं के बहुत छोटे कण सांस, कान और नाक में घुस जाते हैं और बीमारी फैलाते हैं। नाक की एलर्जी के मरीज भी इससे प्रभावित हो रहे हैं। मरीज बार-बार छींक, सिर में भारीपन और गले में खराश की शिकायत करते हैं।

ये उपाय करें: गुनगुने पानी पीते रहें— गले को नमक के पानी से धो दें— बाहर जाते समय एन-95 मास्क पहनें, धूल से बचें

ठंडा पेय और आइस्क्रीन पीने से बचें – गुनगुने पानी से भोजन करें— रात को सोने से पहले धारावाहिक देखें: रात को कमरों में एक्यप्यूरी फूंक सकते है

 

 

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