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तीन राज्यों में जीत से उत्साह भाजपा और कांग्रेस ने EVM पर सवाल उठाए

जीत से उत्साह भाजपा और कांग्रेस ने EVM पर सवाल उठाए

मोदी की प्रतिबद्धता वाली घोषणा से तीन राज्यों के चुनावों में जीत के बाद हरियाणा में पार्टी उत्साहपूर्ण हो गई है। विपक्षी पक्ष भी निराश है। रुझान आने के साथ ही भाजपा के कार्यालयों में उत्सव हुआ, जबकि कांग्रेस के कार्यालय खाली हो गए। राजस्थान में अकेले चुनाव लड़कर बीजेपी की सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) खुद को साबित करने में असफल रही। ऐसे में जेजेपी राज्य की गठबंधन राजनीति में कमजोर हो गया है।

कांग्रेस ने EVM पर सवाल उठाया क्योंकि उन्होंने सोचा था कि चुनाव में कुछ खास होगा। इसके बाद, कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सुमित गौड़ ने रविवार सुबह 11 बजे अपने कार्यालय पर चुनाव नतीजों पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुला ली। जब रुझान आया, उन्होंने ईवीएम पर ठीकरा फोड़ना शुरू कर दिया। उन्होंने ईवीएम को तोड़ने की आशंका व्यक्त की। ईवीएम में छेड़छाड़ के बावजूद कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ा है। उनका दावा था कि वे हरियाणा की सरकार बनाएंगे।

JJP खेमे में मौन था, जैसे JJP के कार्यकर्ता भी मौन रहे थे। हरियाणा में बीजेपी से गठबंधन है। इसके बावजूद, हरियाणा से सटे राजस्थान के जिलों में पार्टी ने सिर्फ बीजेपी के 25 प्रत्याशी उतारे थे। JJP यहां किंगमेकर बनने की उम्मीद थी। लेकिन खाता न खुलने से पार्टी परेशान है। हरियाणा में बीजेपी और जेजेपी के बीच बीच-बीच में विवाद होता रहा है। अब देखना होगा कि मोदी की गारंटी पर बीजेपी के साथ जेजेपी भी सीटों को बाँटने में उतनी ही शक्तिशाली होगी।

राजनीतिक गलियारों में जेजेपी का महत्व घट गया है। बीजेपी ने पहले ही अपील की है कि पार्टी स्वयं चुनाव लड़ेगी। बीजेपी नेता और राज्य के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने चुनावों के बाद कहा कि वे अगले चुनाव में हरियाणा में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएंगे। उधर, आम आदमी पार्टी का खाता भी बंद है। आप भी हरियाणा का विजेता होने का सपना देख रहे हैं। यह देखने लायक होगा कि आप हरियाणा में कैसे स्थापित हो सकते हैं।

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