Haryana Election 2024
Haryana Election 2024: राजस्थान, मध्य प्रदेश और छतीसगढ़ में कांग्रेस की हार ने अब हरियाणा में भी चिंता बढ़ा दी है। अगले साल हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए अगर कांग्रेस में लंबे समय से चली आ रही गुटबाजी खत्म नहीं होती तो उन्हें भी इसका खामियाजा उठाना पड़ सकता है। वास्तव में, गुजबाजी को राजस्थान और मध्य प्रदेश में कांग्रेस की हार की बड़ी वजह बताया जाता है। राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन गहलोत के गुटबाजी की खबरें अक्सर आती हैं, जबकि मध्य प्रदेश में कमलनाथ और दिग्विजय के गुटबाजी की भी खबरें आती हैं।
यही कारण है कि अगर हरियाणा कांग्रेस में चल रही गुटबाजी अब समाप्त नहीं होती, तो परिस्थितियां खराब हो सकती हैं। कांग्रेस को पहले गुटबाजी को दूर करना होगा। हरियाणा कांग्रेस ने लगभग साढ़े नौ साल बीत जाने के बाद भी अब तक एक संगठन की तरह काम नहीं किया है। सिर्फ राज्यपाल के नाम पर संस्था चल रही है। कांग्रेस संगठन बीजेपी, आम आदमी पार्टी, जननायक जनता पार्टी और इंडियन नेशनल लोकदल की उपेक्षा से कमजोर हो गया है। संगठन का महत्व सभी पार्टियों के नेताओं को पता है। लेकिन प्रदेश कांग्रेस में कोई संगठन नहीं है, जो पार्टी की सबसे बड़ी कमजोरी है। वहीं, राज्य में संगठन नहीं बना, लेकिन मुख्यमंत्री तीन बार बदले गए हैं।
Haryana Election 2024: गुटबाजी के परिणाम
2014 और 2019 के चुनावों में कांग्रेस को गुटबाजी की वजह से भारी नुकसान हुआ। नेताओं की गुटबाजी ने उन्हें सिर्फ अपने क्षेत्रों में सक्रिय कर दिया। स्थिति अभी भी बहुत बदली नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा जाट बेल्ट में सक्रिय हैं, जबकि रणदीप सुरजेवाला, कुमारी शैलजा और किरण चौधरी अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में सक्रिय हैं।
मुद्दों पर खास ध्यान देना चाहिए
अब हरियाणा के नियमों को भी बदलना होगा। क्योंकि हरियाणा के चुनावों में स्थानीय मुद्दे अधिक महत्वपूर्ण होंगे। कांग्रेस वर्तमान में ओपीएस को ट्रंप कार्ड मानकर चल रही है। लेकिन ओपीएस लागू होने के बाद भी कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ को बचाया नहीं। ऐसे में कांग्रेस को जनता से वोटों के लिए अब कुछ मुद्दों को भी बदलना होगा।