पंजाब

हरियाणा के कोट गांव में मिले सैंकड़ों वर्ष पुराने मंदिर से भगवान विष्णु की मूर्ति निकली

50 हजार साल पुरानी मानव सभ्यता के सबूत मिलने के बाद, अरावली पर्वत शृंखला में 1500 साल पुराने रजवाड़ों के अवशेष भी मिले हैं। कोट गांव के जंगलों में अरावली में भगवानों की प्राचीन मूर्तियां मिली हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि जंगलों में कुबेर और विष्णु की मूर्तियाँ मिली हैं। यह एक बार राजाओं का गढ़ था।

यहीं पर देवताओं की मूर्तियां बनाई जाती थीं, जो विभिन्न रजवाड़ों में भेज दी जाती थीं। कोट गांव के निवासी तेजवीर मावी ने पुरातत्व विभाग को पत्र भेजा है। वे चाहते हैं कि गाँव को संरक्षित करके अध्ययन किया जाए, ताकि पता चल सके कि मूर्तियां गाँव के जंगलों में कितने साल पुरानी हैं और उनका इतिहास क्या है।

कोट  गांव शिल्पकारों का गढ़ था. गांव के पुरातत्वविद् तेजवीर मावी ने जंगलों में एक ऐसी जगह खोजी है जहां रजवाड़ों के लिए मूर्तियां बनाई जाती थीं। कोट गांव 977 साल पुराना है, मावी ने बताया। गढ़ नामक एक स्थान पहले राजवंश था। इसमें शिल्पकारों को बुलाकर मूर्तियां बनाने के लिए कहा गया था।

कोट गांव के जंगल में कुबेर और भगवान विष्णु की मूर्ति मिली है। दोनों पत्थर अरावली के नहीं लगते। उनका कहना था कि 1994 में एक शोधकर्ता ने कोट गांव में जाकर अध्ययन किया और पाया कि यहां रजवाड़ों के लिए मूर्तियां बनाई जाती थीं। पुरातत्व विभाग को इसकी जानकारी दी गई है। मूर्तियों को देखकर लगता है कि वे १५वीं शताब्दी की होंगी।

मानव सभ्यता के पहले सबूत मिले हैं: तेजवीर मावी के अनुसार, 2021 में कोट गांव में भी मानव सभ्यता के सबूत मिले थे। उन्हें इससे जंगलों में कुछ अजीब चीजें मिलीं। लगभग पाँच हजार साल पुरानी पत्थर की कुल्हाड़ी उस समय वहां मिली। इसका उपयोग शिकार और खाल उतारने में किया जाता था। कोट गांव की पहाड़ियों पर चित्रों को देखा गया। उसमें हाथ और पैर के निशानों के अलावा कई चित्र बनाए गए थे। मांगर गांव में पत्थर का घर, या रॉक शेल्टर, मिला. लोग इसे रहने के लिए प्रयोग करते थे। उन्होंने इसका एक पूरा दस्तावेज भी बनाकर पुरातत्व व संग्रहालय निदेशालय को भेजा है।

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