दिल टूटने का क्या अर्थ है? दिल प्रेम में ही टूटता है या बीमारी में भी, यहां है उत्तर
जब हम कोई दुखद बात जानते हैं, या जब हमारा दिल किसी दुखद घटना से पूरी तरह टूट जाता है। दिल ही ऐसे भावनात्मक टूटने से प्रभावित होता है। इससे दिल की धड़कन कम होती है। यह मेडिकल भाषा में ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम या टैकोत्सुबो कार्डियोमायोपैथी कहलाता है। इस सिंड्रोम को किसी भी उम्र में देखा जा सकता है। आइए जानते हैं कि यह बीमारी क्या है और इससे क्या हानि हो सकती है..।
ब्रॉकन हार्ट सिंड्रोम का क्या अर्थ है?
कार्डियोलॉजिस्ट ने बताया कि जापान में 1990 में पहली बार ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम देखा गया था। इस परिस्थिति में किसी भी अप्रिय घटना, जो बहुत ज्यादा भावात्मक चोट पहुंचाती है, ऐसे में शरीर अचानक से हार्मोन रिलीज करता है, जो दिल को कमजोर कर सकता है और किसी तरह का भावनात्मक या शारीरिक तनाव पैदा कर सकता है।
हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम हार्ट फंक्शनिंग को कम करता है, लेकिन हार्ट नसों को ब्लॉक नहीं करता। दिल का एक हिस्सा रिलैक्स होता है, जिससे ईसीजी में नॉर्मल हार्ट रेट की जगह भिन्नता दिखाई देती है। हृदय की फंक्शनिंग को सुधारने के लिए भी दवाईयां दी जाती हैं, लेकिन सबसे अच्छा है कि 1 से 4 हफ्तों में समस्या हल हो जाती है।
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम का कारण क्या है? गंभीर स्ट्रेस, किसी की मौत, धन की चोरी या धोखा, बहुत ज्यादा गुस्सा
हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि आजकल युवाओं में ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के मामले अधिक हो रहे हैं। इसका कारण यह है कि युवा लोग बहुत अधिक तनावपूर्ण जीवन जीते हैं। वे बहुत भावुक हो जाते हैं और गुस्सा-एंग्जायटी हावी रहता है, इसलिए वे भावुक हो जाते हैं। दिल पर इसका प्रभाव पड़ता है।
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के कारण क्या परेशानियां हो सकती हैं?
1। हृदय रोग हो सकता है।
2। Heart functioning ठीक से नहीं होगा।
3. दिल में क्लॉट होना
4. दिल फेल होना
5. बार-बार मर जाना