ट्रेन कैंसिल हो गई, खाने के लिए भी पैसे नहीं हैं..। दिल्ली रेलवे स्टेशन पर रात में ठिठुरते हुए यात्रियों का दुःख
ट्रेन कैंसिल: रेलवे स्टेशन अजमेरी गेट पर सैकड़ों यात्री प्लास्टिक की शीट पर बैठकर घड़ी की तरफ देख रहे हैं। कालू यादव अपनी बेटी और पत्नी के साथ उनके पास बैठे हैं। उनका लक्ष्य महाबोधि एक्सप्रेस ट्रेन है। लेकिन उनकी ट्रेन दस घंटे से अधिक देरी से चल रही है। यहां कालू यादव सहित कई यात्री परेशान दिख रहे हैं। किसी को कहीं जाना होता है, तो किसी को कहीं जाना होता है। पर ट्रेन आने का नाम नहीं लेती।
kalu कहते हैं कि मेरी बेटी कुछ दिन पहले बुखार से ठीक हुई है और उसे यहां इतनी ठंड में बैठना पड़ रहा है। लोग ट्रेन की देरी से परेशान हैं। भूखे-प्यासे लोग कड़ाके की ठंड में इंतजार कर रहे हैं। मुकुंद अजमेरी गेट स्टेशन के वेटिंग रूम के बाहर केरल एक्सप्रेस के आने का इंतजार कर रहे हैं। उन्हें चार घंटे देरी से ट्रेन मिली है। लाल मुकुंद ने गुस्से से कहा कि रेवले को हर साल आने वाले कोहरे के लिए पहले से तैयारी नहीं करनी चाहिए। रेलवे को यात्रियों को इंतजार करना चाहिए।
मुकुंद ने कहा कि प्लेटफॉर्म पर अपने परिवार के साथ रहना इतना आसान नहीं है।
सियालदह राजधानी एक्सप्रेस का इंतजार कर रहे संजय रेलवे पर बहुत नाराज दिखते हैं। उन्हें बताया गया था कि ट्रेन दो घंटे देरी से चलेगी। लेकिन ये देरी अब नौ घंटे तक बढ़ गई है। हर कोई ट्रेन पकड़ने के लिए समय से स्टेशन से बाहर निकला। लेकिन कोई भी सटीक जानकारी नहीं थी, और ठंड में यहां हजारों लोग मर रहे थे।
वेटिंग रूम भी भरा हुआ था।
कई दूसरे शहरों से आने वाले पर्यटकों की हालत और भी बदतर है। स्टेशन पर कई यात्रियों ने बताया कि वह अपने घर से ट्रेन पकड़ने के लिए एक दिन पहले निकले थे। अब ठंड में वे भी स्टेशन पर मुश्किल में हैं। रेलवे स्टेशन पर ऐसे यात्री कुर्सी या बेंच पर बैठकर इंतजार कर सकते हैं, डिविजनल रेलवे मैनेजर के एग्जक्यूटिव एडवाइजर प्रेम शंकर झा ने बताया। वे भी वेटिंग रूम में इंतजार कर सकते हैं। लेकिन वेटिंग रूम में आखिर कितने लोग आ सकते हैं, वह सबसे बड़ा सवाल है।
महिलाओं को बहुत मुसीबत है
26 साल की अनिता मंगलवार की पूरी रात गाजियाबाद स्टेशन पर ट्रेन के इंतजार में बिता चुकी है। 4 महीने की गर्भवती अनिता ऊंचाहार एक्सप्रेस का इंतजार कर रही थी, लेकिन ये ट्रेनें अचानक रद्द कर दी गईं। बाद में अनिता ने अंबाला जाने वाली ट्रेन का पता लगाया, लेकिन कोई टिकट नहीं था। जनरल बोगी में पैर नहीं रखने की जगह है। अनिता ने बताया कि वह अपने चचेरे भाई की शादी में यहां आई थी, लेकिन उसे इतनी ठंड का अनुमान नहीं था। स्टेशन पर बाहर इंतजार करते हुए उसे भी ठंड लगी।
17 वर्षीय मैरी को सहारनपुर जाना था। वह 10 बजे से ही स्टेशन पर ट्रेन के आने का इंतजार कर रही हैं, उन्होंने बताया। पहली ट्रेन लगभग साढ़े तीन घंटे देरी से चली। ट्रेन को दोपहर डेढ़ बजे स्टेशन पर पहुंचने पर पैर रखने की जगह तक नहीं थी। अब वह साढ़े तीन बजे की ट्रेन का इंतजार करने लगी।
“मेरे पास खाने के पैसे नहीं हैं।”
19 वर्षीय अमित, जो नौकरी की तलाश में करनाल से दिल्ली आया था, ने बताया कि उन्हें इमरजेंसी के कारण अचानक घर छोड़ना पड़ा। पिछले चौबीस घंटे से वह गाजियाबाद स्टेशन पर बिना कुछ खाए या पीए ट्रेन का इंतजार कर रहे हैं। उनका कहना था कि मैंने टिकट खरीद लिया था, लेकिन ट्रेन ही कैंसिल हो गई थी। खाने के पैसे भी नहीं बचे हैं।
22 घंटे की देरी से ट्रेनें चल रही हैं
स्वतंत्रता एक्सप्रेस, जो बिहार के जयनगर से नई दिल्ली जाती है, गाजियाबाद पहुंची 22 घंटे देरी से। गीता देवी, जो बिहार के सोनपुर से यात्रा कर रही है, ने बताया कि इस ट्रेन को सोमवार को सुबह 11 बजे गाजियाबाद पहुंचना था, लेकिन मंगलवार को दोपहर 3 बजे पहुंचेगी। घने कोहरे के कारण सैकड़ों यात्री नई दिल्ली और गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर फंसे हुए हैं। इस ठंड में हजारों लोग रेलवे स्टेशन पर इंतजार कर रहे हैं। उधर, ट्रेन या तो रुक जाती है या घंटों देरी से चलती है।