लुधियाना में गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया की करीबी पर NCB ने रेड मारी
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB)की टीम ने शुक्रवार को लुधियाना, अफानिस्तान और पाकिस्तान में ड्रग फैक्ट्री चलाने वाले ड्रग सिंडीकेट के किंगपिन अक्षय छाबड़ा की सिंडीकेट के प्रमुख रहे गुरमेल सिंह उर्फ गैरी के जिम पर रेड की। उसके जिम से 37 लाख रुपये का सामान रेड में पकड़ा गया है। 52 करोड़ रुपये की संपत्ति अभी तक ब्यूरो द्वारा सीज की गई है और आगे भी तस्करों की संपत्ति सीज की जाएगी। बताया जा रहा है कि आरोपी कुख्यात गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया था, जो कई बड़ी वारदातों में भी शामिल था।
जो नशा तस्करी के अलावा अवैध हथियारों की सप्लाई करता था। आरोपी ने हथियारों के साथ चित्रों के अलावा फेसबुक पर अन्य पोस्टों को अपलोड किया था। आरोपी ने छाबड़ा के ड्रग सिंडीकेट में रहते हुए उसे ड्रग तस्करी में सहायता दी थी। ब्यूरो ने गैरी को गिरफ्तार किया था, जो लुधियाना के मुंडिया कलां में गुरु तेग बहादुर नगर के 33 फुट्टा रोड पर मी एंड मी नामक जिम चलाता था और इसकी आड़ में नशा तस्करी करता था।
परीक्षण में आरोपी से पूछताछ करने पर ब्यूरो को पता चला कि उसने हेरोइन तस्करी से मिलने वाली ड्रग मनी से जिम का सारा सामान खरीदा था। विभाग ने कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद इसे जब्त कर लिया। दिल्ली पुलिस ने इस आरोपी पर दोहरे हत्याकांड में भी मामला दर्ज किया था।
36 लाख रुपये का सामान पहले मनी कालरा की कोठी से पकड़ा गया था
यह दिलचस्प है कि इस मामले में पहली बार ब्यूरो टीम ने अक्षय छाबड़ा के ड्राइवर संदीप सिंह उर्फ दीपू को 20 किलो 326 ग्राम हेरोइन सहित गिरफ्तार किया था. जांच के दौरान टीम ने आरोपी तस्कर अक्षय छाबड़ा, उसके साथी मनी कालरा, दो अफगानिस्तानी और नाईजीरियन सहित 20 लोगों को गिरफ्तार किया था। मनी कालरा के पिता सुरेंदर कालरा और उसके भाई को पहले ही अपराधी घोषित करते हुए उनकी संपत्ति भी जब्त कर ली गई थी।
जब कार्रवाई हुई, टीम ने 39 किलो 936 ग्राम हेरोइन, 557 ग्राम अफीम, 23 किलो 645 ग्राम सदिंग्ध कैफाइन पाऊडर, चार बोतलें HCl, एक अवैध पिस्टल, ३१ जिंदा कारतूस और एक मैगजीन बरामद किया। टीम ने लुधियाना में अक्ष्य छाबडा की दो अवैध दवा फैक्ट्रियों को भी सील किया था। मनी कालरा अपने पिता और भाई के साथ दुबई से अपनी फर्जी कंपनियों के जरिए काम करता था और नशाखोरी की ड्रग मनी को विदेशों में बैठे तस्करों तक हवाला के जरिए पहुंचाता था।
यह आरोपी भी ड्रग मनी से कई नाइट कल्बो, प्रोपटी और अन्य व्यवसायों में निवेश करते थे और फर्जी कंपनियों की सहायता से ब्लैक मनी को व्हाइट में बदलते थे।