Kisan Andolan: ट्रैक्टर ट्रॉलियों में राशन और जरूरी सामान रखकर निकले किसान, इस बार भी लंबी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार
Kisan Andolan: पंजाब और हरियाणा के किसानों ने पूरी तरह से तैयारी कर ली है। आज सुबह किसान संगठन दिल्ली के लिए निकल गए हैं। वे सड़कों पर उतर कर केंद्र पर अपनी मांगों का दबाव बना रहे हैं। पंजाब के किसानों की बात करें तो वे पूरी तरह से तैयार हैं। किसान राशन और अन्य आवश्यक सामान भी ट्रालियों में रखे हुए हैं। किसानों का लक्ष्य है कि दिल्ली पहुंचकर आंदोलन को लंबे समय तक चलाया जाए, ताकि पिछली बार की तरह देश भर में किसानों का समर्थन हो सके। राज्यों की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन को देखते हुए सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
किसानों और पुलिस की हिंसा शंभू बॉर्डर पर
किसान आंदोलन के दौरान हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर आंसू गैस के गोले छोड़े। ड्रोन ने आंसू गैस के गोल दागे। पुलिस ने कुछ किसानों को भी डिटेन किया है और उनमें से कुछ को गाड़ी में ले गई है। वहीं, पुलिस ड्रोन से बैरिकैड्स को दूसरी ओर देखने की कोशिश कर रही है। इस दौरान ड्रोन पर पत्थर फेंकने की भी कोशिश की जा रही है।
किसानों के पास ये योजनाएं हैं
प्रेस कांफ्रेंस में किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने किसान आंदोलन का विस्तार बताया। उनका कहना था कि पांच घंटे तक सरकार से बातचीत की, लेकिन कोई प्रगति नहीं हुई। हरियाणा सरकार लोगों के घरों में पटवारी भेज रही है। लोग डर रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि पंजाब और हरियाणा अलग-अलग देश हैं। उन्होंने कहा कि हम सरकार से टकराव नहीं चाहते हैं। पंढेर ने राजनीति करने के आरोपों पर कहा कि हम किसी पार्टी से नहीं हैं। पंढेर ने आगे की योजनाओं पर कहा कि वह मौके पर निर्णय लेंगे।
किसानों ने एक बैठक की
फतेहगढ़ साहिब में, पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने किसान यूनियन के साथ एक बैठक की। आज किसान संगठनों ने दिल्ली चलो विरोध मार्च का आह्वान किया है। किसान नेता लखविंदर सिंह ने बताया कि सभी लोग पूरी तरह से तैयार हैं। बैठकें जारी हैं। हम नहीं चाहते कि आम लोगों को हमारी वजह से परेशानी हो। हमने लंबी कतारे लगाई हैं ताकि कोई परेशानी न हो। आगे क्या होगा पता चलेगा।
मामला हाईकोर्ट पहुंचा
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में किसान आंदोलन का मामला पहुँचा। हाईकोर्ट में याचिका डाली गई है जिसमें हरियाणा सरकार द्वारा किसानों के आंदोलन को रोकने के लिए किए गए सभी उपायों पर रोक लगाने की मांग की गई है। कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए पंजाब और हरियाणा सरकारों को नोटिस भेजा है, साथ ही चंडीगढ़ प्रशासन को भी नोटिस भेजा है। याचिका मंगलवार सुबह 10 बजे सुनवाई की जाएगी। माना जाता है कि किसान आंदोलन का मामला हाईकोर्ट में पहुंचने के बाद हालात और भी कठिन हो गए हैं।
किसानों को रोकने के लिए पूरी योजना
राजधानी दिल्ली और हरियाणा के टिकरी बॉर्डर पर पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए कड़े प्रबंध लगाए हैं। टिकरी बॉर्डर से जुड़े मेट्रो रेल के पिलरों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। दिल्ली से बहादुरगढ़ जाने का रास्ता भी बैरिकेट्स से संकरा कर दिया गया है और पुलिस ने व्यवस्था प्रबंधन के लिए अपना टेंट लगा लिया है। सेना की एक कंपनी भी देर शाम तक टिकरी बॉर्डर पर तैनात हो सकती है। इतना ही नहीं, दिल्ली पुलिस ने सरकार से अतिरिक्त सुरक्षा बलों की २० कंपनियों की मांग की है ताकि वे सुरक्षा व्यवस्था को नियंत्रित कर सकें।
सड़क पर कंटीली तारें
13 फरवरी को किसानों ने दिल्ली चलो का आह्वान किया है। यह देखते हुए देश की राजधानी दिल्ली पुलिस सक्रिय हो गई है। दिल्ली जाने वाले सड़कों पर कxटीली तारों से लैस बेरिकेट्स लगाने का काम शुरू हो गया है। कंक्रीट और सीमेंट के छोटे-बड़े बेरिकेड्स भी मंगवाए गए हैं। इसके अलावा, सड़क पर बड़े-बड़े लोहे के कंटेनर लाकर रख दिए गए हैं। किसानों को देश की राजधानी दिल्ली में इंटर करने से रोकने के लिए यह पूरा प्रयास किया जा रहा है। राजधानी दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर छह एसीपी लेवल के अधिकारी और लगभग 150 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।