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Farmers March: केंद्रीय कृषि मंत्री का महत्वपूर्ण बयान किसानों की दिल्ली मार्च पर, “उन्हें ये समझना होगा कि..।”

Farmers March: पंजाब के हजारों किसान आज दिल्ली पहुंचे हैं अपनी लंबी मांगों को लेकर। केंद्रीय मंत्रियों के साथ देर रात की बैठक असफल होने के बाद किसान पंजाब के विभिन्न क्षेत्रों से ट्रैक्टर ट्रॉलियों में टेंट, राशन और अन्य सामान भरकर दिल्ली चले गए।

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसानों के मार्च पर प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना था कि परामर्श की आवश्यकता रहेगी। इसके लिए राज्यों से बातचीत करनी होगी। हमें एक मंच और हल खोजना चाहिए। किसानों के हितों की रक्षा करना भारत सरकार की जिम्मेदारी है। किसान यूनियन को जनता को परेशान नहीं करना चाहिए।’

किसानों की मांग क्या है?

किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी, किसानों और कृषि मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफी, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, लखीमपुरी खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘‘न्याय’’, 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून को बहाल करने और पिछले आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवारों के लिए

केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा और खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को किसानों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की, लेकिन इसमें कोई परिणाम नहीं निकला। किसानों की मांगों को लेकर हुई यह बैठक हालांकि बेनतीजा रही।

किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के बैनर तले अंबाला-शंभू, खनौरी-जींद और डबवाली सीमाओं से दिल्ली की ओर रवाना होने का निश्चय किया है।

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